दिब्य मंत्र जप द्वारा त्रिकाल दृष्टि :
दिब्य मंत्र : यह गुरूजन द्वारा प्राप्त ऐसा मंत्र प्रयोग है, जिसके अनुभब अनुभूत है। इससे त्रिकाल दृष्टि संभब है ।
इसके मंत्र के सिर्फ १००० जाप से मिलती है, दिब्य दृष्टि और दिखने लगता है भूत, भबिष्य, बर्तमान । अगर आप इस मंत्र का एक हजार बार बिना रूके लगातार जाप कर लिया जाए तो ब्यक्ति की स्मरण शक्ति बिश्व में उच्चतम स्तर तक हो जाती है तथा बह ब्यक्ति परम मेधाबी बन जाता है । अगर इस मंत्र का बिना रुके लगातार १०००० बार जप कर लिया जाए तो उसे त्रिकाल दृष्टि (भूत, बर्तमान, भबिष्य का ज्ञान) की प्राप्ति हो जाती है । अगर इस मंत्र का बिना रुके लगातार एक लाख बार , रुद्राख्य की माला के साथ , लाल बस्त्र धारण करके तथा लाल आसन पर बैठकर, उत्तर दिशा की और मुख करके शुद्ध जाप कर लिया जाये तो उस ब्यक्ति को खेचरत्व एबं भूचरत्व की प्राप्ति हो जायेगी। .
दिब्य मंत्र इस प्रकार है –ॐ हं ठं ठं ठं सैं ठं ठं ठं ठं ह: हौं हौं हैं खैं खौं खैं खं हौं हौं खैं ह्रीं स्मां ध्मां स्त्रीं सर्बश्वरी हुं फट् स्वाहा।।
इस मंत्र का बिधि पूर्बक जाप करने बाला साधक बिश्व दृष्टा त्रिकाल द्र्ष्टा हो जाता है ।
हर समस्या का स्थायी और 100% समाधान के लिए संपर्क करे :मो. 9438741641 {Call / Whatsapp}
जय माँ कामाख्या
Acharya Pradip Kumar is a renowned astrologer known for his expertise in astrology and powerful tantra mantra remedies. His holistic approach and spiritual sadhana guide clients on journeys of self-discovery and empowerment, providing personalized support to find clarity and solutions to life’s challenges.