Pretni Sadhana Mantra :
इसको डाकिनी साधना भी कहा जाता है । यह देबी छिन्मस्ता की साधना का ही एक अपभ्रश ग्रामीण रूप है ।
मंत्र : ॐ स्यार की सबासिनी ।
समन्दर पान धाई ।
आब, बैठी हो तो उठकर आओ ।
ठाडी हो तो ठाडी आओ ।
जलती आ ।
उछलती आ ।
न आये डाकिनी तो देबी छिन्मस्ता की आन ।
शव्द सांचा पिंड कांचा फुरे मंत्र ईश्वरो बाचा ।।
यज्ञ सामग्री : मांस , मदिरा, पशुचर्बी, लाल आन ,पीली सरसों
Pretni Sadhana Mantra Vidhi :
किसी श्मशान भूमि में या अपने ही निर्जन आबास में /आबास की छत पर खुले में अर्धरात्रि के समय नग्न अबस्था में उतर दिशा की तरफ मुख करके बैठ जायें । चर्बी का दीपक जलाकर मदिरा –मांस का हब्य तैयार करें तथा बबूल की लकड़ी को जलाकर उसमें थोडा –थोडा डालते हुए एक हजार एक सौ अटठासी बार मंत्र का जप करें । फिर देबी छिन्मस्ता को प्रणाम करके पीली सरसों पर यही मंत्र (Pretni Sadhana Mantra) एक सौ आठ बार पढ़ना चाहिए और उस सरसों को चारो तरफ बिखरे दें ,तो आस-पास की सभी प्रेतनियां दौडी आ जायेंगी । उन्हें मांस –मदिरा अर्पित करें और बचनबद्ध कर लें ।
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Acharya Pradip Kumar is a renowned astrologer known for his expertise in astrology and powerful tantra mantra remedies. His holistic approach and spiritual sadhana guide clients on journeys of self-discovery and empowerment, providing personalized support to find clarity and solutions to life’s challenges.