कुंडली में मकान ओर जमीन योग क्या है ?

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कुंडली में मकान ओर जमीन योग :

कुण्डली ज्योतिष का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो हमारे जीबन के बिभिन्न पहलूओ को जानने में मदद करता है । यह हमें हमारे भबिष्य में क्या हो सकता है और कैसे हम अपने जीबन को बेहतर बना सकते हैं , इसके बारे में जानकारी प्रदान करता है । इस लेख में , हम आपको “कुण्डली में मकान और जमीन योग ” के बिषय में बताएंगे और यह बताएंगे की कैसे यह योग आपके भबिष्य को प्रभाबित कर सकते हैं ।

कुंडली में मकान ओर जमीन योग क्या है ?

कुण्डली में माकन और जमीन योग एक बिशेष प्रकार का योग होता है जिसे ज्योतिषी अधयन करते हैं । इसमें आपके जन्म के समय की ग्रह की स्थिति का महत्वपूर्ण योगदान होता है और यह बताता है की आपके भबिष्य में आपके प्राप्त सम्पति , घर और जमीन से कैसे जुड़ सकते हैं ।

मकान और जमीन योग के प्रकार :

इस मकान ओर जमीन योग के कई प्रकार होते है जैसे की धन की योग ,राज योग और धर्म योग । ये योग आपके जीबन में समृद्धि और सफलता के लिए महत्वपूर्ण हो सकते हैं ।

मकान योग :

मकान योग मुख्य रूप से आपके घर और आपके सम्पति से सम्बन्धित होता है । यदि कुंडली में मकान ओर जमीन योग होता है , तो यह संकेत देता है कि आपके पास अच्छा और स्थिर आबास होगा और आपके सम्पति में बृद्धि हो सकती है ।

जमीन योग :

मकान ओर जमीन योग में आपके जमीन , खेती और भूमि से सम्बन्धित होता है । यदि आपके कुण्डली में जमीन योग होता है , तो यह सुझाब देता है की आपके पास भूमि के मामलो में सफलता हो सकती है और आपके लिए कृषि और खेती से जुड़े योगदान हो सकते हैं ।

कुण्डली में मकान और जमीन योग की जांच :

कुण्डली में मकान और जमीन योग की जांच केलिए आपको एक बिशेषज्ञ  ज्योतिषी की सलाह लेनी चाहिए । बे आपके कुण्डली का बिश्लेष्ण करेंके आपको मकान ओर जमीन योग के बारे में सही जानकारी प्रदान कर सकते हैं । जानकारी के लिए, यंहा पर हम कुछ मकान ओर जमीन योग के ऊपर दे रखा  हूँ , लेकिन सही जानकारी आपको आपके कुण्डली बिचार से प्राप्त हो सकता है .. अगर आप इच्छुक है तो , निचे दिया गया मोबाइल नो . पर सम्पर्क करके आप अपना जन्म कुण्डली बिचार कर सकते हैं । साथ साथ कोनसा योग आपके कुण्डली में मह्जुद है और कोनसा राज योग आपको अपना जमीन मकान दिला सकता है , बो सब आप कुण्डली बिचार से प्राप्त कर सकते हैं …
१.-चतुर्थेश केंद्र में गुरु के साथ हो तो जमीन, मकान के शुभ योग बनते हैं। व्यक्ति एक से अधिक अचल संपत्तियों का मालिक बनता है.!
२.-कुंडली में चतुर्थेश एवं मंगल उच्च, स्वगृही, मूल त्रिकोणस्थ में शुभ स्थिति में हो तो मनचाही संपत्ति प्राप्त होती है.!
३.-चतुर्थ भाव का स्वामी दशम भाव में और दशम भाव का स्वामी चतुर्थ भाव में तथा मंगल बलवान हो तो भू-संपत्ति का योग बनता है.!
४.-मजबूत सूर्य चतुर्थ भाव में उच्च राशि का होकर बैठा हो तो व्यक्ति 22 से 24 वर्ष की आयु के मध्य मकान या खेती की जमीन का स्वामी बनता है। यदि सूर्य मेष राशि में हो तो 44 से 48 वर्ष की आयु में व्यक्ति अपना मकान बनाता है.!
५.-चतुर्थेश या मंगल नीच राशि, पाप युक्त हो तो व्यक्ति अपनी संपत्ति का स्वयं ही नष्ट कर देता है.!
६.-चतुर्थेश एवं नवमेश लाभ भाव में हो और शुभ ग्रहों की दृष्टि में हो तो मकान, जमीन का स्वामी बना देता है..इत्यादि…!!
 
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ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार- 9438741641 (Call/ Whatsapp)

Acharya Pradip Kumar is one of the best-known and renowned astrologers, known for his expertise in astrology and powerful tantra mantra remedies. His holistic approach and spiritual sadhana guide clients on journeys of self-discovery and empowerment, providing personalized support to find clarity and solutions to life's challenges.

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