कण्ठ बास हेतु मां सरस्वती का मंत्र :
मां सरस्वती का मंत्र : “ॐ सरस्वती स्वरासाती, स्वरासाती मेरी मां। सत् गुरू बन्धो पार,
जसना देब राढा । गौरी गणेश, गौरा पारबती, महादेब, ढुण्ढराज,
बिश्वनाथ, काल भैरब, कोतबाल। भीम नकुल सहदेब,
अर्जुन धर्मराज । राजा राजचंद्र महाबीर, ज्वालामुखी
हिंगलाज दुर्गा महाकाली। गुरु का बचन न जाय खाली ।
श्री गंगा, राजा रामचंद्रजी, पांचों पण्डबा, छठे नारायण निरंकार ।
महादेब जी गौरा पारबती, महाबीर हनुमान जी । कउने बरण का
अक्षत, देखभाल। दांड दइबी, चउबा चारपाया का नुकसान ।
मनई दु:खी कि लडिका जनाना, कि घर लुटगा कि
चोरी होई गइ । जगदम्बामूल अक्षर दया बताई ।।”
बिधि : इस मंत्र को सिद्ध करने पर मां सरस्वती कण्ठ में बास करती हैं ।
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