अघोर घी वशीकरण मंत्र का प्रभाव और सिद्धि कैसे होती है?

अघोर घी वशिकरण मंत्र प्रयोग :

अघोर घी बशिकरण मंत्र तंत्र शास्त्र का सबसे शकिशाली बशिकरण मंत्र से एक है , जिसका प्रयोग आजतक कभी बिफल नही हुआ है । इस मंत्र को आप एक बार सिद्धि करना पड़ता है , एक बार सिद्धि हो जाने के बाद आप इस मंत्र को कभी भी प्रयोग में ला सकते हो । और एक बात इस में है , हर साल आपको इस मंत्र का अनुष्ठान करके एक्टिव रखना चाहिए ..ताकि भबिष्य में दुसरे बशिकरण प्रयोग का जरूरत नही पड़ेगा ।
इस अघोर घी वशिकरण मंत्र का अनुष्ठान कभी भी घर पर नही करना चाहिए , आप इस मंत्र को किसी सुनसान स्थान , शमशान या फिर पुराना शिव मंदिर में कर सकते हो । मंत्र का 11 माला जाप पूर्ण बिधि बिधान के साथ करने के बाद इसका 1 माला जाप करके मीठी तेल मिलाकर हवन करे । मंत्र सिद्धि की बाद जब आप प्रयोग करना चाहते हो कर सकते हो , कार्य सिद्धि की बाद 9 कन्या को भोजन दक्षिणा के साथ खुसी खुसी बिदाय करना चाहिए ।

अघोर घी बशिकरण मंत्र प्रयोग बिधि :1

पहले  अष्टगंध (लाल ब सफ़ेद चन्दन , केसर , कस्तूरी , गोरोचन, सिंदूर , अगर , तगर ) में गंगाजल या गुलाबजल मिलाकर स्याही बना ले । फिर एक बड़ा भोजपत्र जो खंडित न हो, लेकर उस पर दंडीम (अनार ) की कलम से 108 बार वह मंत्र लिखें, जिसे चैतन्य करना है
लिखने समय मंत्र का उचारण भी करता रहे । तत्पश्चात पटरे पर नूतन बस्त्र बिछाकर मिट्टी का नया कलश ब मंत्र लिखित भोजपत्र को रखकर धूप दीप नैबेद्य से भोजपत्र की पूजा करे । पूजनोपरांत मंत्र का पुन: 108  बार जप करे । बिप्रों को भोजन कराकर , गरीबों को दान -दक्षिणा दे ।
फिर कलश पर नूतन बस्त्र रखकर उस बस्त्र पर मंत्र लिखित भोजपत्र रखकर कलश का मुख बंद करके नदी में बहा दे । नदी में बहाते समय भी मंत्र उचारण करता रहे । फिर घर आकर कार्यो का श्रद्धा भाब से करे तो सिद्ध किए जाने बाले मंत्र का प्रभाब निश्चय ही दृष्टि गोचर होगा ।

अघोर घी बशिकरण मंत्र प्रयोग बिधि :2

रबिबार की रात असाबरी देबी की पूजा करके , कांसे की थाली राख से साफ़ करके सामने रखे और प्रत्येक प्रहार के प्रारंम्भ में जिस अघोर घी वशिकरण मंत्र को जागृत करना हो , अघोर घी वशिकरण मंत्र का 108 बार जप करे । चतुर्थ प्रहार में जपोपरांत खैर की टहनी से मंत्र बोलते हुए बोले ” हे मंत्र देबी ! चैतन्य होइए ” ऐसा कहते हुए थाली बजाए । इस तरह अघोर घी वशिकरण मंत्र चैतन्य होकर फल प्रदान करने लगेगा ।
 

अघोर घी बशिकरण मंत्र साधना :

” ओनो ओनो साओ !ईमोर माम तोर पो मोर कोलेओ ईरयम यदि कोणेर मायधरो ओसिधि सिधिस्वरी र माथा खावो !”
 इस अघोर घी वशिकरण मंत्र को गाय के घी के साथ पढ्कर बह घी जिस्को खिलया जायेगा , बह बश मे हो जायेगा । मंत्र अनुष्ठान में किस्सी सिद्ध जोग्य गुरु की सानिध्य में रहकर यह साधना करना चाहिए , इसमें एसा कुछ तांत्रिक प्रयोग है , जो अघोर सम्प्रदाय सिद्ध तांत्रिक ही कर सकते है ।
To know more about Tantra & Astrological services, please feel free to Contact Us :
ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार :- मो. 9438741641  {Call / Whatsapp}
जय माँ कामाख्या

Acharya Pradip Kumar is renowned as one of India's foremost astrologers, combining decades of experience with profound knowledge of traditional Vedic astrology, tantra, mantra, and spiritual sciences. His analytical approach and accurate predictions have earned him a distinguished reputation among clients seeking astrological guidance.

Sharing Is Caring:

Leave a Comment