अजयपाल मंत्र :

अजयपाल मंत्र :

अजयपाल मंत्र : अजयपाल अजमेर के राजा थे ख्वाजा साहब के समय में उनका राज्य था । बे बहत बड़े तांत्रिक थे।

“ॐ अजमेरी दृढ़ अजयपाल राजा अजा देबराणी, अजा देबराणी ना सात पुत्र, कौन कौन पुत्र, हडंजय, रणेरा, तनेरा, डठेरा, एक्न्तरा, दुतीया, तृतीया, चौथिया, जजारे सात बाणी ना तर ए पिंड छोडी बीजे पिंड जाइने, पड़ी उभो रहे, तो अजैपालनी सात आन, जो उभो रहे तो जती सती नी आन, जो उभो रहे, मेरी भक्ति गुरु की शक्ति, फुरो मंत्र ईश्वरो बाचा ।”

बीजे पिण्ड का अर्थ है दूसरे शरीर का पिण्ड। यह मंत्र एकान्तरादि ज्वर में काम करता है। तथा तर्जनी अंगुली से झाड़ने पर दांत का दर्द कम होबे । अजयपाल मंत्र के लिये गांजा की चिलम रख कर साधना करे । पुआ, पकोड़ी का भोग लगाबे ।

 

आज की तारीख में हर कोई किसी न किसी समस्या से जूझ रहा है । हर कोई चाहता है कि इन समस्याओ का समाधान जल्द से जल्द हो जाए, ताकि जिंदगी एक बार फिर से पटरी पर आ सके । आज हम आपको हर समस्या का रामबाण उपाय बताएंगे, जिसे करने के बाद आपकी हर समस्या का समाधान हो जाएगा ।

Our Facebook Page Link
समस्या का समाधान केलिये संपर्क करे : 9438741641(call / whatsapp)

India's leading astrological service center with a proven track record of success. Our expert astrologers provide accurate predictions, effective remedies, and personalized guidance for a brighter future."

Sharing Is Caring:

Leave a Comment