आवाज की मिठास और ज्योतिष

आवाज की मिठास : ऐसी वाणी बोलिए मन का आपा खोय औरन को सीतल करे, आपहुं सीतल होय’ संत कबीर के इस दोहे से तो हम सभी सहमत हैं, लेकिन कई बार ऐसा होता है कि न चाहते हुए भी हम बहुत कड़वा बोल देते हैं, जिसका बाद में हमें पछतावा भी होता है. आप अगर इस समस्या को दूर करना चाहते हैं तो बोली से जुड़े ज्योतिष के पहलू को समझकर इसके उपाय अपना सकते हैं….

आवाज की मिठास किन ग्रहों से है:

– कुंडली के दूसरे भाव का स्वामी बोली को नियंत्रित करता है.
– कुंडली के तीसरे और आठवें भाव का संबंध भी वाणी से है.
– कुंडली के इन्हीं भावों से इंसान की आर्थिक और पारिवारिक स्थिति भी देखी जाती है.
– इंसान की वाणी, आर्थिक और पारिवारिक स्थितियां एक दूसरे से जुड़ी हुई हैं.
– वृष राशि और बुध का सीधा संबंध वाणी से होता है.
– बुध इंसान को अभिव्यक्ति की अद्भुत क्षमता देता है.
– बृहस्पति भी इंसान को वाणी की अच्छी ताकत देता है.
आवाज की मिठास कब होती है खराब:
– कुंडली में सूर्य या मंगल का प्रभाव होने पर आवाज की मिठास खराब होती है.
– राहु का संबंध बुध या बृहस्पति से होने पर वाणी पर गलत असर पड़ता है.
– कुंडली के दूसरे भाव पर पाप ग्रहों का प्रभाव होने से हम लोगों को अपनी बोली से दुखी करते हैं.
– अग्नि तत्व या जल तत्व की राशि होने पर भी ऐसा होता है.
– खान-पान और दिनचर्या ठीक न होने पर बोली में चिड़चिड़ापन आता है.
– गलत या अशुद्ध मंत्र का जाप करने पर भी बोली खराब होती है.
आवाज की मिठास कब होती है अच्छी:
– कुंडली में बुध के मजबूत होने पर मीठी जुबान का वरदान मिलता है.
– बुध और बृहस्पति दोनों मजबूत हों तो व्यक्ति अद्भुत बोलता है.
– वाणी भाव में शनि के होने पर भी अच्छी वाणी मिलती है.
– कभी-कभी शनि के कारण जुबान में तीखापन आ जाता है.
– कुंडली के केंद्र में केवल शुभ ग्रह हों तो जुबान मीठी होती है.
– आमतौर पर पृथ्वी तत्व और वायु तत्व के लोग अच्छा बोलते हैं.
कैसे मीठी होगी आपकी आवाज की मिठास :
– सुबह और शाम गायत्री मंत्र का जाप करें और खान-पान को शुद्ध रखें.
– महीने में एक बार पूर्णिमा का उपवास रखें.
– गलत वाणी का प्रयोग हो जाने पर तुरंत कृष्ण कृष्ण कहें.
– बुध के मंत्र का जाप रोज सुबह रुद्राक्ष की माला से करें.
– मंत्र जाप करते समय हरे कपड़े पहनना उत्तम होगा.
– विष्णु भगवान् के सामने बैठकर मंत्र जाप करें.
– बुध का मंत्र है ‘ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः.’
– मंत्र जाप कम से कम तीन माह तक करें.

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