जाने किस कारण से होता है किन्नरों का जन्म :
किन्नरों का जन्म : प्रकृति में नर नारी के अलावा एक अन्य वर्ग भी है । जो न तो पूरी तरह नर होता है और न नारी । इन लोगों को हम किन्नरों कहते हैं ।
हमारे समाज में किन्नरों को बुरी नजर से देखते हैं तो वहीं ये भी मानते हैं कि एक बार अगर इन लोगों की दुआ लग जाए तो उसकी बरक्�त निश्चित है । क्या कभी आपने सोचा है कि इन लोगों का जन्म क्यों होता है ? शायद नहीं सोचा होगा इसके पीछे भी एक बहुत बड़ा रहस्य है ।
व्यक्ति के तमाम तरह के सवाल जहन में आते हैं । जैसे कि यह कैसे रहते होंगे ? किस वजह से ये ऐसे पैदा हुए ? और इनकी शारीरिक इच्छाएं क्या होती होंगी । इन सब सवालों में से सबसे ज्यादा जिस बारे में जानने की इच्छा रहती थी, वो ये था कि आखिर इन लोगों का ऐसे पैदा होने का कारण क्या है ? आखिर क्यों ये न ही लड़की की तरह दिखते हैं और न ही किसी लड़के की तरह। क्या ऐसा इनके मां-बाप में कमी के कारण होता है ?
शायद आप लोगों में भी कुछ-एक को इस बात को जानने की इच्छा होगी । इसलिए आज हम आपको बताएंगे ज्योतिष शास्त्र में छुपे वो तथ्य, जो बताते हैं कि एक किन्नर के किन्नर होने का कारण क्या है ? आपको बता दें कि व्यक्ति की कुंडली यह भी बता सकती है कि उसमें कितनी प्रजनन क्षमता है ? किसी व्यक्ति के नपुंसक होने का प्रमाण उसकी कुंडली भी दे सकती है ।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जन्मपत्री के आठवें घर में शुक्र और शनि मौजूद हों और इन्हें गुरू, चन्द्र नहीं देख रहे हों तो व्यक्ति नपुंसक हो सकता है ।
जन्म के समय कुंडली में शनि छठे या बारहवें घर में, कुंभ या मीन राशि पर हों, और ऐसे में कोई शुभ ग्रह शनि को नहीं देख रहा हो तो व्यक्ति में प्रजनन क्षमता की कमी हो जाती है और व्यक्ति किन्नर हो सकता है ।
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Acharya Pradip Kumar is a renowned astrologer known for his expertise in astrology and powerful tantra mantra remedies. His holistic approach and spiritual sadhana guide clients on journeys of self-discovery and empowerment, providing personalized support to find clarity and solutions to life’s challenges.