1. प्रतिदिन गाय के घी का दीपक घर के प्रत्येक कख्य मे जलाकर गर्भकाकिणी टोटके मंत्र पढते हुए आंगन के ईशान कोण में 21 दिन तक हलदी की स्वस्थ गांठ को 9 से 12 के मध्य रात्रि में भुमि में दबाने से घर मे लक्ष्मी का बास होता है और स्त्रिया संन्तानबती होती है ।
2. हल्दी, दारुहल्दी, गोरुचन, पिली सरसो, जौ का आटा, चंन्दन और आलु की लुगदी को घोटकर जो स्त्री शरीर में अबटन लगाती है और तुलसी के जल से स्नान करती है, उसका स्वास्थ एब रुप त्रिभुबन को वश मे करने बाला हो जाता है । पुरुष लगायें तो उंनका ब्यक्तित्व निखरता है ।
3. गर्भकाकिणी टोटके मंत्र 21 बार पढकर एक चाम्म्च कुम्हार के चाक की मिटी और एक चुट्की हल्दी का गर्भकाल मे सेबन करने से स्त्रियों का गर्भ नहिं गिरता और बह पुस्ट होता है ।
4. कुम्हार के चाक की मिट्टी एब हल्दी मदिरा में मिलाकर गर्भकाकिणी टोटके मंत्र पढते हुए कुल्हो के निचे से पेट एब समस्त पीठ पर लेप करके 108 बार मंत्र पढने के बाद जो स्त्री कुएं के जल से स्नान करके ऋतु के बाद 21 दिन तक लक्ष्मी पूजन करके केबल घी, चाबल का भोजन करती है, बह संतानबती होती है ।
5. भोजपत्र पर किसी सिद्ध पुरुष से गर्भकाकिणी मंत्र लिखबाकर नारगी धागों में पिरोकर बायीं बांह में बांधने से स्त्री पुत्रबती एब पुरुष धन का स्वामि बनता है ।
6. कुम्हार के चाक की मिटटी के ठीकरे पर काकिणी मंत्र लिखबाकर स्त्री से सामान्य अनुष्ठान करबाकर आंगन मे दबाने से घर मे लक्ष्मी का आगमन होता है ।
7. यदि कोई स्त्री जौ के आटे की रोटी पर हलदी से गर्भकाकिणी टोटके मंत्र को लिखबाकर रात-भर नाभि पर बांधे और सुबह उस रोटी को गाय को खिला दे, तो 21 दिन मे बह पुत्रबती होती है ।
8. एक बिसेष प्रकार से नाभि के चारो और सिद्धि प्राप्त आदमि मध्यमा उंगली से केंद्राभिगामी चक्रब्रुत बनाते मंत्र पाठ करे, तो स्त्री 21 दिन मे गर्भबती होति है ।
9. कुम्हार के चाक की मिट्टी के ठीकरों पर मंत्र लिखकर किसी बंनते भबन की नींब के चारों कोणों एब आंगन मे दबाने पर उस घर में लक्ष्मी का आगमन सदा बना रह्ता है । स्त्रियां पुत्रबती होती है ।
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ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार (मो.) 9438741641/ 9937207157 {Call / Whatsapp}
जय माँ कामाख्या