गर्भ स्थान हेतु मंत्र :

गर्भ स्थान हेतु मंत्र :

जल के लहू , रंक के हाडा। ऐसे कृपालु साहेब सिरजन
हारा। पदुम –पदारथ नाम हैं।ऐसे कृपा करिहा साहेब ,तो
“अमुक” के बंश उतारा ।सत्य गुरु ,सत्य गुरु ,सत्य कबीर ।।

गर्भ स्थान हेतु मंत्र बिधि :साधक इस मंत्र को शाबर मंत्र बिधि से पहले सिद्ध करे । पश्चात् जिस स्त्री को संतान न होती होबे ,तो स्त्री के नाम से एक नारियल ,अगरबती ,लौंग ,इलायची ,पान ,सुपारी लें। घी का दीपक जलाकर उक्त मंत्र की एक माला जप करें “अमुक” के स्थान पर स्त्री का नाम लें । यह क्रिया स्त्री के रजस्वला से निबृति होने के बाद करें, इससे स्त्री गर्भबती होगी ।

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