गृह क्लेश से छुटकारा कैसे पाएं ?

गृह क्लेश से छुटकारा कैसे पाएं ?

गृह क्लेश : प्रायः परिवारों में पति पत्नि के बीच किसी न किसी बात को लेकर मनमुटाव अथवा गृह क्लेश हो जाया करते है । कभी कभी यह गृह क्लेश बिशाल रूप ले लेता है । इस गृह क्लेश के कारण परिवार में अशांति का साम्राज्य स्थापित हो जाता है । घर की सुख और शान्ति धीरे धीरे समाप्त हो जाती है । इस गृह क्लेश के कारण से दाम्पत्य सुख प्रभावित हो जाता है । दाम्पत्य का सुख तभी मिलता है, जब पति पत्नि के मध्य सदा मधुर सम्बंध बने रहें । पति द्वारा पत्नि को अधिक समय न दिया जाना अथवा उससे प्रेम न करना भी पारिवारिक अशांति का कारण हो सकता है कि जिस घर में स्त्री का आदर सत्कार नहीं होता, वहां की शांति तो चली ही जाती है, उस घर में लक्ष्मी भी रूठ जाती है । घर की स्त्री को सदा से लक्ष्मी ही माना गया है । जिस घर में स्त्री का मान सम्मान न हो, वहां लक्ष्मी ठहर ही नहीं सकती । पति पत्नि का आपस में मधुर सम्बंध की दाम्पत्य सुख को बनाएं रखता है । जहां दाम्पत्य सुख का अभाव हो, वहां निम्नलिखित उपाय उस सुख को कायम रखने में सफल सिद्ध हो सकते है ।
पति- पत्नी में मनमुटाव न रहें हरसिंगार की टहनी का एक इंच का टुकड़ा को पति – पत्नि चांदी के तावीज में भरकर धारण कर लें तो वे मनमुटाव की समस्या से मुक्त हो सकते है । इस कवच को धारण करने से पति और पत्नि के बीच प्रेम बढ़ता है और निरन्तर प्रगाढ़ होता जाता है । मन मुटाव सदा सदा के लिए समाप्त हो जाता है ।
गृह क्लेश निवारण का उपाय :
परिवार में पति पत्नि के बीच अनबन हो, जिस कारण सदा गृह क्लेश बनी रहती हो तो पीपल का बांदा प्राप्त करें और किसी चांदी या कांच की बड़ी ढक्कन वाली डिब्बी में शुद्ध शहद और श्वेत गुंजा के 101 दानें के साथ रखें और नाव की एक कील भी उसके साथ रख दें । फिर उपर से ढक्कन बंद कर घर के किसी कमरें में उतर दिशा की ओर सुरक्षित रखकर, उसके सम्मुख ग्यारह दिन तक तिल के तेल का दीपक जलाएं ।
वह दीपक ग्यारह दिनों तक 24 घण्टें जलता रहना चाहिए, ठीक बाहरवें दिन प्रयोगकर्ता को चाहिए कि वह उस डिब्बी में से नाव की कील को बाहर निकाल कर घर के मुख्य द्वार के ऊपर ठोंक दे । इस उपाय से शीघ्र गृह क्लेश का निवारण हो जायेगा ।
दाम्पत्य सुख का उपाय :
बहुत से परिवारों में दाम्पत्य -सुख का अभाव इस कारण रहता है कि वहां पति पत्नि के बीच विवाद सदा अपवाद बना रहता है । कहीं पत्नि कर्कषा होती है तो कहीं पति अकारण ही अपनी पत्नि को प्रताडि़त करता रहता है । जो स्त्री सदा पति से प्रताडि़त होती रहती हो, वह बेल के तीन पतों पर अपनें पति का नाम गोरोचन में काली हल्दी का घोल बनाकर चांदी कलम से लिखें । फिर उन्हे चांदी की डिब्बी में भरकर, उसे अपने दाएं हाथ की हथेली में रखे और फिर निम्नलिखित मंत्र का मन ही मन ग्यारह बार ग्यारह दिन तक जाप करे ।
“ ऊँ नमः शिव शंकराय।”
ज्ब ग्यारह दिन पुरे हो जाये, तब डिब्बी का उसी बेल वृक्ष का समर्पित कर आए, जिसके वे तीन पत्ते लिए थे। उस स्त्री को केवल इतना कार्य करना है। शेष कार्य अदृश्य शक्ति स्वयं करेगी। इस उपाय से स्त्री के पति का मन ही नहीं, पूरा आचरण ही बदल जायेगा और वह पत्नि के साथ प्रेम व मधुरता के साथ पेश आने लगेगा।
सुखी दाम्पत्य जीवन :
श्वेत आक गणपति की मूर्ति की उसकी प्राण प्रतिष्ठा कर, देवता को नित्य मधु से स्नान कराकर गुड़ पायस का नैवेध प्रदान करें । फिर भोजन के पश्चात् उच्छिट (झूठे) मुख ही निम्न मंत्र का जाप करें –
“ऊँ हस्तिपिषाचिनि खे ठः ठः।”
दाम्पत्य सुख प्राप्त करने वाले स्त्री पुरूष अथवा मनोनुकूल पति या पत्नि प्राप्त करने के उद्देष्य से उपर्युक्त मंत्र का पांच बार जाप करें तो अभिलाषा अवश्य ही पूर्ण होगी ।
सुखी जीवन के उपाय :
प्रतिदिन एक माला निम्नलिखित मंत्र का जप करने से व्यक्ति में बल तथा वीर्य की वृद्धि होती है । ऐसा व्यक्ति जिस स्त्री के साथ एक बार सहवास कर लेता है, वह स्त्री फिर किसी अन्य पुरूष की ओर देखती भी नहीं है । यह टोटका उन व्यक्तियों को अवश्य करना चाहिए जिनकी पत्नि अन्य पुरूषों में अनुरक्त होती है । मंत्र इस प्रकार है… “ऊँ ह्रीं हूं विटपाये स्वाहा।”
पति पत्नि के लिए :
आजकल प्रायः देखनें में आता है कि पति और पत्नि एक दूसरे से असंतुष्ट नजर आते है जिस कारण उनके दाम्पत्य जीवन में एक प्रकार का जहर सा घुल जाता है । उनके बीच तनाव, गृह क्लेश और मनमुटाव सा बना रहता है । इस मनमुटाव को समाप्त करने के लिए और विषुद्ध प्रेम प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित मंत्र का जप किया जाना चाहिए । इस मंत्र की एक माला नित्य 21 दिन तक फेरें । माला रूद्राक्ष की एक सौ आठ दानों की होनी चाहिए । मंत्र इस प्रकार है –
“ऊँ कं कं ज्ञं ज्ञः मम…। वश्यं कुरू कुरू स्वाहा।।”
नोट – ‘मम और‘वश्यं के बीच में पत्नि अपने पति का और पति अपनी पत्नि का नाम बोले तो शीघ्र ही उनमें प्रेम जाग्रत हो जायेगा ।
रूष्टता दूर करना :
यदि किसी स्त्री का पति सदा रूष्ट रहता है । वह उसकी ओर देखना या उससे कुछ कहना भी उचित नहीं समझा जाता है । पत्नि के प्रत्येक आग्रह की वह उपेक्षा कर देता है तो इसके लिए होलिका पर्व पर जब उसका पति निद्रालीन हो तो वह सात छोटे नारियल, सात मोती शंख एवं सात गोमती पत्थर एक पीत वर्ण के वस्त्र में बांधकर सोते हुए पति के ऊपर से सात बार उसारकर जलती होलिका में फेंक कर चुचचाप घर लौट आए । इस टोटके के प्रभाव से पति की सारी रूष्टता समाप्त हो जायेगी और वह पहले के समान उससे प्रेम करने लगेगा, जिसके कारण उसके जीवन में खुशहाली छा जायेगी ।
पति को अपना बनाना :
यदि पति किसी अन्य स्त्री के फेर में पड़ गया है, इस कारण वह अपनी पत्नि से विमुख रहने लगा है और जिस कारण पारिवारिक जीवन में ड़वाहट भर गई है तो उसकी पत्नि को चाहिए कि होलिका दहन के समय तीन गोमती पत्थरों पर थोड़ा सा सिन्दूर लगाकर तथा परस्त्री का नाम लेकर उसे अग्नि में फैंक द । पति का शीघ्र ही उस परायी स्त्री से पिण्ड कट जायेगा ।
पति के क्रोध का शमन :
जिस स्त्री का पति बिना बात के क्रोध करता हो, वह स्त्री शुक्ल पक्ष के प्रथम रविवार, सोमवार, गुरूवार अथवा शुक्रवार को सफेद कपड़े में एक डली गुड़, चांदी व तांबे के दो सिक्के, एक मुट्ठी नमक व एक मुट्ठी गेहूं को बांधकर रख दें । कुछ ही समय में पति क्रोध करना बंद कर देगा ।
पति को सीधे रास्ते पर लाना :
यदि किसी अन्य स्त्री के कारण पति आपका अपमान करता हो तो किसी गुरूवार को 300 ग्राम बेसन के लड्डू, आटे के दो पेड़े, तीन केले तथा थोडी सी चने की गीली दाल किसी ऐसी गाय को खिलाये जो अपने बछड़े को दूध पिला रही हो । इसके बाद यह निवेदन करें – हे मां! मैनें आपके बच्चे को फल दिया है, आप मेरे बच्चों को फल देना । कुछ ही दिनों में पति सीधे रास्ते पर आ जायेगा ।
मनोवृति को बदलना :
गुरूवार को केले पर हल्दी लगाकर गुरू के 108 नामों का उच्चारण करने से भी पति की मनोवृत्ति बदल जाती है । यदि केले के वृक्ष के साथ पीपल के वृक्ष की भी सेवा करें तो फल शीघ्र ही प्राप्त होता है ।
यदि किसी स्त्री का अपने घर में किसी कारणवश अपमान होता हो :
शुक्ल पक्ष के प्रथम गुरूवार से यह उपाय आरम्भ कर सकती है । इसके लिए अपनी लम्बाई से सात गुना अधिक हल्दी से रंगा पीला धागा लेकर केले के वृक्ष के पास जाए । अब देवगुरू श्री बृहस्पति का स्मरण करके उस वृक्ष पर धूप तथा गुड़ का भोग लगाए और अपनी समस्या के समाधान के लिए उनसे निवेदन करें । फिर उस धागे को पीपल के किसी वृक्ष पर लपेटकर धूप, दीप तथा पीले प्रसाद से उसकी पूजा करे और घर वापस आ जाए ।
अगले गुरूवार को पुनःयही प्रक्रिया करे । पिछले गुरूवार को जो धागा पीपल पर लपेटा था, उस धागे को खोलकर जटा नारियल पर लपेटकर किसी नदी में प्रवाहित करे दे । ऐसा लगातार चार गुरूवार करे अर्थात पहले गुरूवार एवं तीसरे गुरूवार को धागा लपेटे और दूसरे गुरूवार तथा चैथे गुरूवार को नदी में प्रवाहित करें । इससे गृह क्लेश समस्या का समाधान हो जायेगा ।
पति को मनमाफिक करना :
यदि किसी स्त्री का पति उसकी बात नहीं सुनता हो तो स्त्री किसी शुभ शनिवार को 7 इलायची 7 लोंग एवं 7 लाल मिर्च लेकर निम्न मंत्र का 108 बार जप करे ।
“त्रिलोचनाय समुचितं रति रागासंविधया वष्यन मम पति।”
तत्पश्चात् सारी सामग्री को अपने सामने रखकर निम्न मंत्र का 1100 बार जप करे-
“ऊँ महायक्षिणी मम पति वश्यं मानय कुरू कुरू स्वाहा।”
अगले दिन वह सारी सामग्री तवे पर भुनकर किसी भी रूप में पति को खिला दें । कुछ समय में लाभ प्राप्त होगा । यह प्रयोग अकेले में करना चाहिए।
गृह क्लेश का शमन :
गृह क्लेश दूर करने तथा आर्थिक लाभ के लिए गेंहू सदा शनिवार को पिसवाएं । प्रति 10 किलो गेहूं में 100 ग्राम काले चने डालें ।
कहते हैं पास में रहने वाले बर्तन भी आपस में टकरा जाते हैं फिर इंसान की तो क्याा बिसात? ज्योतिष के अनुसार दांपत्य जीवन को गृह क्लेश से मुक्त रखने के लिए जरूरी है पति-पत्नी की राशियों का अनुकूल होना । ऐसे में कुछ गृह क्लेश के खास उपायों को कर घर करने में शांति पाई जा सकती है ।
* घर के मुख्य द्वार के पीछे स्वास्तिक लगाएं । गणेश जी का ध्यान कर उनके नित्य अगरबत्ती लगाएं । घर में पूजा का कमरा हमेशा ईशान कोण में रखें ।
* जितना संभव हो ईशान कोण को साफ रखें । घर में तुलसी का वृक्ष अवश्य लगाएं , इससे गृह क्लेश धीरे धीरे समाप्त हो जाएगा। सुबह शाम वहां दीपक अवश्य जलाएं । रसोई घर और अतिथि कक्ष परस्पर जुड़े हुए नहीं होने चाहिए । यदि ऐसा होगा तो पति-पत्नी मे आपसी सूझबूझ का अभाव रहेगा ।
* दक्षिण मुखी मकान है तो ग्रह स्वामी शुद्ध चांदी का कड़ा अपने दाएं हाथ में पहने परंतु यह अवश्य ध्यान रहे कि कड़ा बेजोड़ हो ।
* यदि वैचारिक मतभेद और व्यर्थ की बातों से गृह क्लेश बनता है, तो जातक को बरगद के वृक्ष पर दूध और जल 43 दिन लगातार चढ़ाना चाहिए गृह क्लेश शीघ्र ही शांत हो जाएगा ।
* स्त्री जातकों को शुक्ल पक्ष के किसी भी प्रथम गुरुवार का व्रत करके केले की पूजा करनी चाहिए और गुड़ एवं चने का भोग लगाना चाहिए ।
* भगवान विष्णु से सुखी दाम्पत्य जीवन के लिए प्रार्थना करनी चाहिए ।
* यदि संतान की तरफ से गृह क्लेश रहता है तो जातक को घर से निकलते समय प्रत्येक रविवार को गुड़ का सेवन करना चाहिए एवं घर लौटते समय सफेद रंग की कोई भी मिठाई ले जाकर संतान को खिलाने से संतान की तरफ से आ रही बाधा दूर होती है ।

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जय माँ कामाख्या

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