ग्रह दोष शांति हेतु सरल टोटका :

ग्रह दोष शांति हेतु सरल टोटका :

ग्रह दोष शांति : ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सौरमंडल में स्थित सभी 9 गृह मानव जीवन पर प्रत्यक्ष रूप से प्रभाव डालते है । जातक की कुंडली में सभी 9 ग्रहों में से किसी एक भी ग्रह का प्रतिकूल प्रभाव जातक के जीवन को कष्टदायक बना सकता है । ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 7 ग्रह द्रश्य और 2 ग्रह छाया गृह( राहू और केतू) कहा जाता है । 7 द्रश्य ग्रहों में – सूर्य, चन्द्र, मंगल , बुध ,गुरु, शुक्र और शनि को शामिल किया गया है । सभी ग्रहों का मानव जीवन पर अलग-अलग रूप में प्रभाव पड़ता है । जातक की कुंडली में एक या एक से अधिक ग्रह दोष होने पर इन ग्रहों के प्रतिकूल प्रभाव जातक पर शारीरिक कष्ट के रूप में , आर्थिक कष्ट के रूप में , पारिवारिक कलह के रूप में या वैवाहिक जीवन में कलह के रूप में दिखाई दे सकते है ।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली में ग्रह दोष होने पर तुरंत उनका समाधान करना चाहिए । ग्रह दोष शांति के लिए शास्त्रों में बहुत से उपाय वर्णित है जिनमें : देव आराधना, मंत्र ,यन्त्र व टोटके ये सभी उपाय सम्मलित है । आज हम आपको सभी ग्रह दोष शांति करने वाले बहुत ही सरल टोटके के विषय में जानकारी देने वाले है । इसके साथ ही एक ऐसा ग्रह दोष शांति मंत्र जिसके नियमित जप से सभी ग्रह शांत होने लगते है ।
ग्रह दोष शांति टोटका :
किसी पंसारी की दुकान से एक गोला ले आये (नारियल के अन्दर के भाग को गोला कहते है ) । अब इस गोले में बड़ा सा छेद करके इसमें गन्ने का रस भर दे और बूरा या खांड इनमें से जो भी उपलब्ध हो उसे भी गोले में अच्छे से भर दे । अब एक ऐसे स्थान की तलाश करें जहाँ चीटीं का बिल हो । चींटी के बिल के पास में 1.5 फुट गड्डा बनाकर इसमें इस गोले को रख दे और ऊपर से मिट्टी द्वारा अच्छे से ढक दे । ऊपर एक भारी सा पत्थर रख दे ताकि कोई जानवर इसे निकल न पायें । जैसे ही चीटियाँ उस गोले को खाना शुरू कर देती है, आपके ग्रह दोष भी शांत होने लगते है ।
किन्तु ध्यान दे , इस टोटके का असर 3 महीनें तक ही रहता है । 3 महीनें बाद आप इस प्रयोग को पुनः कर सकते है ।
ग्रह दोष शांति मंत्र :-
नब ग्रह दोष शांति के लिए उपरोक्त टोटके के प्रयोग के साथ-साथ यदि नियमित रूप से इस मंत्र का जप किया जाये तो सभी ग्रह दोष तुरंत दूर होने लगते है ।
मंत्र इस प्रकार है :-
” ॐ ब्रह्मा मुरारिस्त्रिपुरान्तकारी, भानुः शशी भूमिसुतो बुधश्च ।
गुरुश्च शुक्रः शनिराहु केतवः, सर्वे ग्रहा शान्तिकरा भवन्तु ।।”
सभी 9 ग्रह को एक साथ शांत करने का यह सबसे प्रभावशाली मंत्र है । यदि संभव हो सके तो प्रतिदिन नवग्रह मंदिर जाकर सभी ग्रहों को जल से स्नान कराये व दूप दीप जलाकर उपरोक्त मंत्र के यथासंभव जप करें । यदि आपके आस-पास नवग्रह मंदिर नहीं है तो अपने पूजा के स्थान पर बैठकर भी आप ये मंत्र जप कर सकते है ।
जातक की कुंडली में ग्रह दोष उसे हर तरह से पीड़ा देते है इसलिए समय रहते इन ग्रह दोषों का पता लगाकर इनकी शांति हेतु उपाय करने से किसी बड़ी मुशीबत से बचा जा सकता है ।

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