घाब का बिष नाशक मंत्र :

घाब का बिष नाशक मंत्र :

गोरा बलद, कज्जलियाँ आखीं। सत सुक्के , सत द्वार ।
खडा हो जा बिषा निराधार । धारा चले , धुकारा चले ।
महादेब दीया कारा चलै, जमालां देया नाग –देबता जहर
बसैहर ,तेरे सते ते निर्बिष । गूगे छत्रिया ,तेरे सो ते निर्बिष।।

घाब का बिष नाशक मंत्र बिधि : इस मंत्र को साधक पहले किसी शुभ मुहूर्त पर एक हजार बार जप कर सिद्ध कर लें । पश्चात् किसी घाब या फोड़े में शोथ या सूजन आ जाए, इस समय काली भेड की उन का डोरा लेकर उक्त मंत्र पढ़ते हुए एक गाँठ लगाए । इस तरह सात गाँठ लगाकर उन के डोरे को रोगी को पहना दें । इससे रोगी को तुरंत पीड़ा से राहत मिलती है और घाब भी सुखने लगता है ।

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ज्योतिष संभाबनाओं का बिज्ञान है । बाबजूद इसके आपका ज्ञान पका है तो सभाबनाएं भी परिनामों में बदल जाती हैं । एक ज्योतिष भी तो यही करता है । आपको “दुबिधा से बचाने सुबिधा” का मार्ग प्रशस्त करता है । ज्योतिष के सटीक उपाय 80 प्रतिशत से 90 प्रतिशत तक फायदा जरुर पहुंचाते हैं । आप भी यह दिया गया घाब का बिष नाशक मंत्र प्रयोगं और उपायों को बेहिचक आजमा सकते हैं । इन प्रयोगों से आपकी समस्याएं निशिचत रूप से हल हो जाएंगी , फिर भी यदि आप कुंडली दिखाकर कुछ और भी जानना चाहते है तो मोबाइल नो 9438741641 पर संपर्क कर सकते हैं।

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