नाग हत्या के कारण होती है संतान हानि

Rate this post

नाग हत्या के कारण होती है संतान हानि :

नाग हत्या : नागपंचमी शापित कुण्डली व कालसर्प योग से मुक्ति का सबसे प्रशस्त दिन है । नागपंचमी पूजन से नागदंश का भय समाप्त होता है तथा जिनके पूर्वज अधोगति को प्राप्त हुए हैं, उन्हें उर्ध्वगति मिलती है । जो मनुष्य नाग हत्या के कारण इस लोक में भाग्यहीन या मृत संतान वाले या पुत्र हीन होते हैं, उसके प्रायश्चित के लिए नाग पूजा सर्वोत्तम उपाय है ।
चतुर्थी अर्थात नागपंचमी के एक दिन पूर्व केवल एक बार दिन में भोजन करें । स्वर्ण, चांदी, काष्ठ अथवा मिट्टी का पांच फणों वाला सुन्दर नाग बनाकर पंचमी के दिन उस नाग की भक्ति पूर्वक पूजा करें। अपने द्वार के दोनों तरफ गोबर से बड़े-बड़े नाग बनाएं और दही, शुभ दूर्वांकुरों, कनेर, मालती, चमेली, चम्पा के पुष्पों, गन्ध, अक्षत, धूप तथा मनोहर दीप से उसकी विधिपूर्वक पूजा करें । इसके बाद अनंत, वासुकि, शेष, पद्मनाभ, कम्बल, कर्कोटक, अश्व, धृतराष्ट्र, शंखपाल, कालीय तथा तक्षक आदि नाग कुल के अधिपतियों तथा इनकी माता कद्रू की हल्दी व चंदन से दीवाल पर प्रतिकृति बनाकर पूजा करें । घृत तथा शर्करा मिश्रित दूध अर्पित करें। इस दिन लोहे के पात्र में पूड़ी न बनाएं, नैवेद्य के लिए गेहूं के आंटे से बना मीठा पदार्थ प्रयोग करें । जातकों की कुण्डलियों में यदि कालसर्प योग या सर्पशापित योग हो तो श्रावण मास के नागपंचमी के दिन उसकी शांति किसी शिवमंदिर के पास कराई जाय। संपूर्ण वर्ष में यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण दिन है ।

सम्पर्क करे (मो.) 9937207157/9438741641 {Call / Whatsapp}

जय माँ कामाख्या

Acharya Pradip Kumar is one of the best-known and renowned astrologers, known for his expertise in astrology and powerful tantra mantra remedies. His holistic approach and spiritual sadhana guide clients on journeys of self-discovery and empowerment, providing personalized support to find clarity and solutions to life's challenges.

Sharing Is Caring:

Leave a Comment