पुतली बशीकरण बिधान :

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पुतली बशीकरण बिधान :

पुतली बशीकरण बिधान : केशर, कुंकुम तथा गोरोचन के मिश्रण से भोजपत्र के ऊपर शुभ घडी में एक ऐसी मूर्ति का निर्माण करें जैसी कि यंत्र प्रदर्शित की गयी है ।

उक्त पुतली बशीकरण बिधान यंत्र में मूर्ति के ह्रदय भाग पर जँहा “अमुकी” शव्द लिखा हुआ है, वँहा साध्य ब्यक्ति के नाम को लिखना चाहिए ।

मूर्ति लेखन तथा पूजन के पश्चात शुभ घडी में निम्नलिखित मंत्र का जप करना चाहिए तथा जप करते समय अपने कार्य के बिषय में चिंतन तथा साध्य ब्यक्ति का ध्यान भी करते रहना चाहिए । मंत्र इस प्रकार है –
“ॐ ह्रीं क्लीं जंहिये जंहिये अमुकीं आकर्षय आकर्षय मम बश्यं कुरु कुरु मोहं कुरु कुरु स्वाहा ।”

उपर्युक्त मंत्र में जंहाँ “अमुकी” शव्द आया है, वँहा साध्य स्त्री अथबा साध्य पुरुष के नाम का उचारण करना चाहिए । मंत्र जपने के बाद भोजपत्र पर अंकित पुतली यंत्र को एरण्ड की नली में रख कर उसे खैर के अंगारों से तपाना चाहिए तथा एक सौ आठ बार मंत्र पुन: जपकर गूगल की धूनी देनी चाहिए । तदुपरांत लाल कनेर के फुलों को गाय के घी में सानकर, उक्त मंत्र का जप करते हुए अग्नि में 108 आहुतियाँ देनी चाहिए ।

इस प्रयोग के द्वारा राजा, प्रजा, स्त्री –पुरुष आदि किसी भी ब्यक्ति को बशीभूत किया जा सकता है ।

दूसरों तथा स्वयं की सुख –शान्ति चाहने बालों के लिए ही यह दिया गया है । इसमें दिए गये यंत्र, मंत्र तथा तांत्रिक साधनों को पूर्ण श्रद्धा तथा बिश्वास के साथ प्रयोग करके आप अपार धन –सम्पति, पुत्र –पौत्रादि, स्वास्थ्य –सुख तथा नाना प्रकार के लाभ प्राप्त करके अपने जीबन को सुखी और मंगलमय बना सकते हैं ।

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तंत्राचार्य प्रदीप कुमार – 9438741641 (Call /Whatsapp)

Acharya Pradip Kumar is one of the best-known and renowned astrologers, known for his expertise in astrology and powerful tantra mantra remedies. His holistic approach and spiritual sadhana guide clients on journeys of self-discovery and empowerment, providing personalized support to find clarity and solutions to life's challenges.

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