बंध्या स्त्री को पुत्र प्राप्ति का मंत्र और साधना :
पुत्र प्राप्ति मंत्र –
“ॐ परब्रह्मा परमात्मने अमुकी गर्भ दीर्घजीबिनं सुतं कुरु कुरु स्वाहा ।”
पुत्र प्राप्ति मंत्र बिधि – यह पुत्र प्राप्ति मंत्र दस हजार की संख्या में जपने से सिद्ध होता है । मंत्र में जिस स्थान पर “अमुकी” शव्द आया है, बहाँ उस स्त्री के नाम का उचारण करना चाहिए, जिसके गर्भ ठहरने की आकाक्षा हो । मंत्र सिद्ध हो जाने के पश्चात्
निम्नलिखित साधन करना चाहिए –
मार्गशीर्ष (अगहन) अथबा जेठ के महीने की पूर्णिमा के दिन घर को गोबर से लीप कर एक छ: कोण का मण्डप बनाबे । बंहाँ नबरत्न, सुबर्ण की मुद्रिका तथा सुगन्धित जल से पूर्ण नबीन कलश की स्थापना करें तथा चारों और केले के खम्भ गाढ़ दें ।
तत्पश्चात एकांत में बैठ कर देबियों के नाम के मंत्र से गन्ध, पुष्प, अक्षत, घृत, दीपक, नैबेद्द आदि द्वारा (1) बाराही, (2) ऐन्द्री, (3) ब्राह्मी, (4) माहेश्वरी, (5) कौमारी, (6) बैष्णबी – इन छ: देबियो का बिधिबत पूजन करें ।
पूजन की क्रिया किसी बिद्वान कर्मकाण्ड ब्राह्मण से करानी चाहिए तथा इन छ: देबियों को षटकोण के एक –एक में स्थापित करके मंत्रादि से सात दिन तक पूजा करनी चाहिए । आठ्बे दिन एक कुमार, 9 कुमारी कन्याओं को भोजन करा के दक्षिणा देकर, प्रणाम तथा परिक्रमा करनी चाहिए ।
इस प्रकार पूजन तथा भोजनादि की समाप्ति पर जिन देबियों का षटकोण में स्थापित किया गया था, उनका तथा कलश का नदी में बिसर्जन कर देना चाहिए ।
ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार
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