प्रेमिका बशीकरण तंत्र :
प्रेमिका बशीकरण तंत्र : किसी भी मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को एक उल्लू पकड़ कर उसके मस्तक के ऊपरी भाग से पाँच पंख नोंच लें । फिर उसे उसी स्थान पर छोड़ दें, जँहा से की पकड़ा था । तत्पश्चात अगली पूर्णिमा को आधी रात के समय किसी निर्जन तथा एकांत स्थान में जाकर कुश अथबा ऊनी कम्बल का आसन बिछाकर, उस पर पद्मासन लगाकर, पूर्ब दिशा की और मूंह करके बैठ जांयें । पंखो को अपने सामने रख लें तथा निम्नलिखित प्रेमिका बशीकरण तंत्र मंत्र का १००८ की संख्या में जप करें । जप के बाद सफ़ेद तील शूध गाय का घी और सफ़ेद कनेर की पुष्प से हबन करे फिर प्रयोग में लायें ।
प्रेमिका बशीकरण तंत्र मंत्र –“ॐ नमो लक्ष्मी बाहन काकारि उल्लूक पक्षयै मम मनोभिलाषा पूर्ण कुरु कुरु श्रीं श्रीं श्रीं ह्रीं ह्रीं ह्रीं क्लीं क्लीं फट् स्वाहा ।”
प्रत्येक बार प्रेमिका बशीकरण तंत्र मंत्र का जप करने के बाद पंखों पर एक एक फूँक मारते जाय । इस प्रकार बे पंख अभिमंत्रित हो जायेगे । मंत्र जप पूरा हो जाने पर उन पंखों को साथ लेकर घर लौट आयें ।
आबश्यकता के समय जिस प्रेमिका को बशीभूत करना हो उसके सिर पर एक पंख रख दें तो बह बशीभूत हो जायेगी । यदि प्रेमिका आपकी बात मानती हो और आप उसे जीबन भर अपने बश में रखना चाहते हो तो एक पंख को सोने के ताबीज में भरकर तथा उसमे लाल अथबा पीले रंग का रेशमी डोरा पिरो कर, प्रेमिका के गले में पहना दें तो जब तक बह ताबीज को अपने गले में धारण किये रहेगी, तब तक आपकी आज्ञानुबर्तिनी बनी रहेगी और आपके प्रति उसका प्रेम दिन प्रतिदिन बढ़ता ही चला जायेगा । प्रयोग के बाद शेष बचा हुआ पंखों को किस्सी मंगलबार की दिन काला कपड़ा में लपेट कर किसी बहते हुए जल में प्रबाह कर दे ।
तंत्र साधना कोई निकृष्ट कर्म नहीं, बल्कि चरम रूप है आराधना ,उपासना का । तंत्र के बारे में जानकारियों के अभाब ने ही आज हमसे छीन ली है देबाराधना की यह सबसे प्रभाबशाली पद्धति । यदि साधक में भरपूर आत्मबिश्वास और निश्चय में दृढ़ता है तो बह श्रद्धापूर्बक साधना करके आसानी से अलोकिक शक्तियों और आराध्यदेब की बिशिष्ट कृपाओं को प्राप्त कर सकता है । सिद्ध साधक बनने के लिए आबश्यकता है साधना के पूर्ण बिधि – बिधान और मंत्रो के ज्ञान । साधना और सिद्धि प्राप्त केलिए आज ही सम्पर्क करे और पाए हर समस्या का समाधान – 9438741641 (Call/ Whatsapp)