ब्यापार बृद्धि हेतु मंत्र

ब्यापार बृद्धि हेतु मंत्र :

ब्यापार बृद्धि मंत्र : ब्यापारिक प्रतिस्पर्धा या आपसी बैर भाब के कारण दुश्मन या मिलने बालो के द्वार ब्यापार (दुकान) का बंधन करा दिया जाता है या किसी कारण ब्यबसाय में बाधा आती है तो इस मंत्र का प्रयोग करना चाहिये । यह ब्यापार बृद्धि मंत्र प्रयोग होली या दिपाबली के दिन बिशेष प्रभाबशाली होता है । एक मीटर सूती लाल कपड़ा लेबे उसमें एक मुट्ठी काले तिल रखे और उस पर दीपक रखे । दीपक में सियारसिंगी इस प्रकार रखे की बह डुबी रहे । हनुमानजी की मूर्ति या तस्बीर की गंधाक्ष्त्, फल –फूल नैबेद्य से पूजा अर्चना करे । दीपक के सामने सात लौंग, सात लालमिर्च, सात इलायची रख देबे एबं प्रार्थना करे कि मेरा ब्यवसायिक बंधन दूर करो और मेरे ब्यापार की बृद्धि एबं उन्नति होबे कैसा भी संकट हो हनुमानजी महाराज आप दूर करे । इस ब्यापार बृद्धि मंत्र का १००८ बार जप करे तत्पश्चात दीपक बुझा देबे लाल कपडे में दीपक, दीपक तेल, सियारसिंगी आदि बस्तुओं की पोटली बाँध देबे । पोटली को चौराहे अर्थात जंहा दो रास्ते आपस में मिलते हो वँहा रख घर आ जाबे । स्नानादि कर लेबे । इस प्रयोग से ब्यापार में लाभ होता है और सभी प्रकार की बांधायें दूर होती है ।

ब्यापार बृद्धि मंत्र :

मंत्र :”ॐ हनुमन्त बीर, रखो हद थीर, करो यह काम, बैपार बढे, तंतर दूर हो, टूणा टूटे । ग्राहक बढे, कारज सिद्ध होय, न होय तो अंजनी की दुहाई ।”

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