मंत्र : “ओम लाल भैरव लाली लसै, कलुबा भैरब दे दुहाई । बैरी ईश्वर महादेव का, अमुक पुत्र न रहे ।”
बिधान : सर्बप्रथम किसी शुभ पर्ब मे उक्त मंत्र को ग्यारह हजार बार जप करके सिद्ध कर लें । फिर प्रयोग के समय रात्रि में श्मशान में जाकर सरसों के तेल तथा राई से किसी चिता में १०८ बार उक्त मंत्र से आहुतियां दें । इस भैरव प्रयोग को तीन रात तक प्रतिदिन करने से शत्रु-नाश हो जाता है । साधना पुर्ण बिश्वास तथा धैर्य के साथ सम्पन्न करने से निश्चय ही शत्रु का नाश होता है ।
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ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार (मो.) 9438741641 /9937207157 {Call / Whatsapp}
जय माँ कामाख्या