बिभिन्न राशियों में मंगल का फल :
मंगल का फल : मेष कुण्डली में मेष राशि का मंगल धन, मान – सम्मान देता है । ऐसे लोग मृदुभाषी, तेजबान, साहसी तथा भाग्यबान होते हैं ।
बृषभ राशि का मंगल का फल :ऐसे ब्यक्ति पर शत्रुओं तथा बीपक्षियों का आधिपत्य रहता है । यह प्राय: पराए घर में रहते हैं । यह शत्रुओं तथा अपनी संतान तक से कष्ट पाते हैं ।
मिथुन राशि का मंगल का फल: ब्यक्ति को अनेक कलाओं में पारंगत बनाता है । यह संतान से सुख उठाते हैं ।
कर्क राशि का मंगल का फल: दीन हीन तथा शक्तिहीन बनाता है । स्त्रियों से इनकी अनबन रहती है । शांति का ऐसे ब्यक्तियों में सदैब अभाब होता हैं ।
सिंह राशि का मंगल का फल: ब्यक्ति को स्त्री –पुत्र से सम्पन्न रखता है । शत्रुओं पर यह बिजय पाते हैं । ब्यापार में सफल तथा लोकमान पाते हैं ।
कन्या ऐसे ब्यक्ति अपने परिबार का भरण – पोषण करने बाले होते हैं । यह स्त्री, धन –धान्य सुख का पूरा उपयोग करते है तथा ईश्वर के प्रति आस्थाबन होते हैं ।
तुला जन्म चक्र में तुला राशि का मंगल आय – ब्यय का संतुलन नहीं होने देता । यह अंगभंग योग बनाता है । धन सम्पदा के बिषयों में इनके हाथ दुर्भाग्य ही आता हैं ।
बृश्चिक राशि का मंगल बिष, अग्नि, दुर्घटना आदि से सदैब भय बनाए रखता है । स्त्री, संतान तथा बंधु – बांधबों से इन्हें सदैब सहयोग मिलता है । अपनी बुद्धिमानी से शत्रुओं पर यह बिजय पाते हैं ।
धनु राशि में मंगल होने पर सुख – सुबिधाओं से परिपूर्ण होते हैं । शत्रुघात से यह सदैब चिन्ता में घिरे रहते हैं । सचरित्र स्त्री से ईन्हें पूरा प्यार मिलता है ।
मकर राशि का मंगल पराक्रमी बनाता है । यह धनबान तथा सम्पन्न होते हैं । पारिबारिक सुख यह अच्छी तरह भोगते हैं ।
कुम्भ का मंगल ब्यक्ति को रोगी बनाता है । इनमें शीलता का अभाब होता हैं । अपनी संतान तथा शत्रुपक्ष से यह कष्ट पाते है । ऐसे ब्यक्ति भाग्यहीन कहे जा सकते हैं ।
मीन राशि का मंगल ब्यक्ति को ब्यसनी बनाता है यह दुष्ट प्रबृति के दयाहीन होते हैं । मूर्खो का साथ इनकी बुद्धि को भ्रष्ट किए रहता है ।
ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार
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