महासुरक्षा गणेश कबच मंत्र :
गणेश कबच मंत्र : यह एक शक्तिशाली मंत्र है जो भगबान गणेश की कृपा और सुरक्षा से प्राप्त किया जाता है । इस मंत्र का जाप करने से ब्यक्ति अपने जीबन में आनेबाली मुश्किलें और बिघ्नों से सुरक्षित रह सकता है । गणेश कवच मंत्र के प्रतिदिन जप करने से मानसिक शान्ति और सफलता की प्राप्ति होती है ।
इस मंत्र का उचारण एक शुद्ध मन और श्रद्धा भाब से किया जाना चाहिए । यह अनोखा शाबर मंत्र गणेश भगबान की आरधना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और भक्तो को उनके आसपास की नकारत्मक ऊर्जा से सुरक्षित रखता है ।
इस मंत्र का जप करने से गणेश भगबान ब्यक्ति को संतुष्ट करके उनके जीबन में सुख ,समृद्धि और सफलता की और मार्गदर्शन करते हैं । यह मंत्र भक्तो को आत्म सुरक्षा और आत्म समर्पण की भाबना प्रदान करता है , जिससे उनका जीबन सफल और खुशहाल होता है ।
“महासुरक्षा गणेश कवच मंत्र “ का अध्यन और उसका नियमित जप भक्तो को अध्यात्मिक और मानसिक स्थिरता प्रदान करता है , जिससे उनके जीबन को एक नया मार्ग मिलता है और बे सफलता की उंचाईयों तक पहंच सकते हैं । तो अब गणेश भगबान की महासुरक्षा कवच मंत्र क्या है और उसका बिधि बिधान क्या है जानते हैं …
गणेश कबच मंत्र :
श्री गणेश श्री गणेश हे गणेश देबा ।
क्रूपा करो, रख्या करो,बिघ्न बाधा दूर करो।
शत्रु,घात,दोष,शूल,भूत-प्रेत अग्नि मूंल।
सभी का तुम शमन करो कील घेर बांधकर।
ओम नम: यं यं यं ब्रौं ब्रौं ब्रौं फट् स्वाहा ।
आक की जड,चिरचिटे की जड, नीम की जड, कनेर (सफेद या पीला) की जड और बेल की जड –
इन सबके सात-सात अंगुल के कील बनाकर (प्रत्येक की पांच) ब्रूहस्पतिबार को रात्रि में गणेशजी का ध्यान लगाकर 108 गणेश कबच मंत्र जाप करें और घर के चारों और सात अंगुल गहरा नाला मिट्टी में खोदकर बराबर दूरी पर 21 कील एक के बाद दूसरे के क्रम में मंत्र पढते हुए बबूल की लकडी से ठोक दें । इन सबको तांबे के पतले तार से जोडकर मंत्र पढते हुए इनमें जल डालें प्रात:काल नाले की मिट्टी भर दें।
इस प्रकार सुरक्षित घर में भूत, प्रेत,बिघ्न,बाधा, रोग,शत्रु, किया कराया आदि का कोई प्रभाब नहिं होता।
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ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार : मो. 9438741641 {Call / Whatsapp}
जय माँ कामाख्या