रक्त कैंसर :
रक्त कैंसर को ल्यूकीमिया के नाम से जाना जाता है । इस रोग का कोई उपचार नही है और इस रोग में रोगी की मृत्यु निशिचत होती है । बिशाक्त जीबाणु शरीर की रक्त प्रणाली में पहुँचकर रक्त को दूषित कर देते है और यही दूषित रक्त के कारण रक्त कैंसर होता है । इस रोग में रक्त में श्वेत कणों की मात्रा बढ़ जाती है और लाल कणों का बनना कम होता जाता है ।
ज्योतिषीय सिद्धांत :
रक्त का नियंत्रक मंगल है । मंगल पर शनि तथा राहु – केतु की दृष्टि रक्त दोष का कारक है । तुला का शनि और सूर्य भी इस रोग को प्रशय देता है । सोने या तांबे की अंगूठी में माणिक्य या अनामिका में नीलम पहनें । रत्न त्वचा से स्पर्श करता रहे ।
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