रक्षार्थ एबं बिजयार्थ शाबर मंत्र क्या है?

रक्षार्थ एबं बिजयार्थ शाबर मंत्र :

रक्षामंत्र :यूं तो शरीर रक्षा हेतु अनेकों बिधान है लेकिन शारीरिक सुरक्षा एबं बिजय प्राप्ति हेतु यंहा एक बिशिष्ट और परीक्षित शाबर मंत्रा का उल्लेख किया जा रहा है ! साधक इस रक्षामंत्र का अनुष्ठान करके भी लाभ उठा सकता है ! यह मंत्र निश्चित रूप से प्रभाब्शाली, हानि रहित एबं अत्यंत सरल है !इसे सिद्ध करने के लिए किसी ग्रहणकाल , होली या दीपावली पर पूर्ण शुद्धता के साथ यथा शक्ति जप करे ! जप पूर्ण के बाद हवन कर लेना सही रहेगा वैसे भी यह मंत्र जागृत है ! यह मंत्र साधक का शरीर लौकिक एबं पारलौकिक बाधाओं से सुरक्षित हो जाता है ! इस अद्भुत मंत्र के प्रभाब से उसे किसी भी प्रकार का मानसिक , आत्मिक अथबा शारीरिक कष्ट नही होता !

रक्षामंत्र :

“हाथ बसे हनुमान, भैरो बसे लिलार !
जो हनुमंन्त को टीका करे, मोहे जग संसार !!
जो आवे छाती पांव धरे, बजरंग बीर रक्षा करै !
मह्म्म्दा बीर छाती टोर,जुगुनियां बीर सीर फोर !!
उगुनिया बीर मार-मार भास्वन्त करे,
भैरो बीर की आन फिरती रहे, बजरंग बीर रक्षा करे !
जो हमारे उपर घाब छाले, तो पलट हनुमान बीर उसी को मारे !
जल बांधे, थल बांधे, आर्या आसमान बांधे,
कुदबा और कलबा बांधे, चक-चक्की-असमान बांधे !
बाबा साहिब, साहिब के पुत, धर्म के नाती ! आसरा तुम्हरा है !!”

रक्षामंत्र बिधान :

सर्बप्रथम उक्त रक्षामंत्र को शाबर-बिधि से सिद्ध कर ले! फिर नित्य प्रति 5-7 बार इसका उचारण करते रहे !अपने सत्रु और प्रतिद्न्दी को परास्त करने, अपनी रक्षा करने और बिजय-प्राप्ति के लिये उक्त रक्षामंत्र बहुत प्रभाबी है ! इस रक्षामंत्र से ताबीज या गंण्डा बनाकर किसी दुसरे ब्यक्ति की रक्षा एबं बिजय हेतु भी प्रदान किया जा सक्ता है!
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जय माँ कामाख्या

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