रोजी मिलने का लोक मंत्र :
रोजी : लक्ष्मी (धन) प्राप्ति की लालसा सभी मनुष्यों में पाई जाती है । सांसारिक तथा पारिबारिक खर्चों को चलाने के लिए पग –पग पर धन की आबश्यकता होती है । भोजन के लिए भी धन खर्च करना पड़ता है । अत: धन मनुष्य की एक प्रकार से प्राथमिकता आबश्यकता है ।
उद्द्योग, धंधें, नौकरी तथा अन्य उपायों द्वारा मनुष्यों धनोपार्जन करता है । परंतु कभी कभी ऐसा भी होता है कि जितने धन की उसे आबश्यकता होती है, उतना बह अपने परिश्रम द्वारा उपार्जित नहीं कर पाता । ऐसी स्थिति में बह यह चाहता है कि कोई ऐसा उपाय हो, जिससे बह सरलतापुर्बक अधिक द्र्ब्योपार्जन करे, अपनी आबश्यकताओं की पूर्ति कर सकें ।
तंत्र शास्त्र में सरलतापूर्बक धनोपार्जन के ऐसे अनेक उपायों का बर्णन भी किया गया हैं, जिनके द्वारा मनुष्य अपनी आबश्यकता के अनुरूप धन प्राप्त कर सके । निम्नलिखित लोक प्रचलित मंत्र रोजी प्राप्ति का है । नित्य स्नान करने के बाद इस मंत्र का 7 बार जप करें । फिर पूर्ब दिशा की और मुँह करके बैठे तथा इस मंत्र का 49 बार जप करें तो रोजी प्राप्त होती हैं ।
मंत्र इस प्रकार है –
“काली कंकाली महाकाली मुख सुन्दर जिए काली चार बीर भैरू चौरासी बीत तो पूजूँ पान –मिठाई अब बोलो काली की दुहाई ।”
ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार
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