श्मशान मेलडी साधना मंत्र क्या है?
।। श्मशान मेलडी साधना मंत्र ।।
ॐ नमो मां मेलडी करो बकरा की सबारी मास मदिरा से
करु में पूजा। चूंदडी श्री फल भेट चडाऊ। चौमुखा में दीप
जलाबी करत सेबा रबि राते। अब आब आब माई मेलडी
कर बकरा की सबारी मेरी हलकारी शीघ्र आबीजा। मेरी
कामना पलमा पूरी करीजा। जो ना आबी तो काल भैरब की
आण फरसी। थारी शक्ति झूठ कहासी। करो मोरो कारज
पूर्ण नहीं तो गुरु गोरखनाथ मछन्दर योगी की दुहाई।।
।। श्मशान मेलडी साधना बिधि ।।
इस श्मशान मेलडी साधना मंत्र से काली चौदस की रात्रि में 11 बजे बाद चिता भूमि पर बैठकर तिली तेल का दीपक, लोबान, गुगल, मेलडी धूप, अगरबती, बतीसा जलाकर धुनी देबें । फिर सिन्दुर, श्रीफल, सुखडी, पुष्प, ईत्र, मदिरा आदि से माता मेलडी की पूजा कर लें और अपनी सुरख्या का प्रबन्ध करके गुरु द्वारा बताई गई बिधि से साधना सम्पन्न करें । यह श्मशान मेलडी साधना 41 दिन की है । प्रतिदिन पांच माला जाप की जाती है । माला हकीक या प्रबाल की लाई जाती है । जप के समय नित्य अपने सामने चौमुख दीपक, धूप, जल, पुष्प, नैबेद्य, मदिरा आदि चढाकर ही जप करें । घेरा के बार किसी भी प्रकार का कोलाहल एबं हलचल तथा भयानक आकृतियां दिखाई देबे तो डरे नहीं और धैर्य पूर्बक जाप चालू रखें और आसन से उठे नहीं अगर अधिक उत्पात होने लगे तो अपने गुरु द्वारा बतया गये बिधान को अपना कर समस्या का निबारण करे । इस श्मशान मेलडी साधना को निडर और साहसी ब्यक्ति ही करें । जिसमें इससे पहले श्मशान की कई सिद्धियाँ की हो बह ही करे अन्यथा भारी संकट में पड सकता है । इस श्मशान मेलडी साधना के समय प्रतिदिन अपने गुरु से सलाह लेते रहें और साधना गुरु आज्ञानुसार ही आरम्भ करें । बिना गुरु के नहीं करे । क्योंकी यह बिधि आधी अधुरी है । श्मशान मेलडी साधना में कई बिचित्र घटनायें होती है, इसलिये इसे बिना गुरु के न करें ।
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ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार- मो. 9438741641 {Call / Whatsapp}