स्त्री बशीकरण पुतली मंत्र :

स्त्री बशीकरण पुतली मंत्र :

स्त्री बशीकरण मंत्र – “बांधू इंद्रक बांधू तारा बांधू बिद लोही को धारा उठे इन्द्र न घोले घाब सुख साख पूर्ण हो जाय । बाण ऊपर लो कांकडो हीया ऊपर लो सूत मैं तो बन्धन बाँधियो सासू ससुर आया पूत मत बाँधूँ मन्बन्तर बाँधूँ बिद्या देसूँ साथ चार खूँट जे फिर आबे फलानी फलाना के साथ गुरु गुरे स्वाहा ।”

स्त्री बशीकरण प्रयोग बिधि –

किसी भी शनिबार के दिन से इस स्त्री बशीकरण मंत्र का साधन प्रयोग आरम्भ करना चाहिए । साधन की बिधि यह है कि किसी स्वच्छ और पबित्र स्थान में एक पुतली बनाकर रखें और उसका बिधिपूर्बक पूजन करके गूगल की धूप दें तथा दीपक जलाकर उक्त मंत्र का जप करें । मंत्र से जिस स्थान पर “फलानी – फलाना” के साथ आया है, उस स्थान पर अभिलाषित स्त्री पुरुष के नाम का उचारण करना चाहिए । इस क्रिया को नियमित रूप से आरम्भ के दिन से 21 दिन तक रात्रि के समय करना चाहिए ।

मंत्र साधन काल में प्रत्येक शनिबार को सबा पाब लपसी और पाँच बताशों को भोग रखना चाहिए । इस बिधि से मंत्र सिद्ध हो जाने के बाद आबश्यकता के समय किसी भी शनिबार को एक पुतली बनाकर उसके पेट में अभिलाषित स्त्री का नाम लिखकर उस पर 108 बार मंत्र पढ़कर फूँक मारनी चाहिए । तदुपरांत अभिलाषित स्त्री के सामने जाकर उस पुतली को अपनी छाती से लगाने पर, बह स्त्री बेचैन होकर बशीभूत हो जाती है तथा साधक की प्रत्येक आज्ञा का पालन करती है ।

दूसरों तथा स्वयं की सुख –शान्ति चाहने बालों के लिए ही यह दिया गया है । इसमें दिए गये यंत्र, मंत्र तथा तांत्रिक साधनों को पूर्ण श्रद्धा तथा बिश्वास के साथ प्रयोग करके आप अपार धन –सम्पति, पुत्र –पौत्रादि, स्वास्थ्य –सुख तथा नाना प्रकार के लाभ प्राप्त करके अपने जीबन को सुखी और मंगलमय बना सकते हैं ।

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तंत्राचार्य प्रदीप कुमार – 9438741641 (Call /Whatsapp)

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