Ashwa Naal Tantra Kya Hota Hai Or Iska Upyog :
नाखून और तलवे की रक्षा के लिए लोग प्रायः घोड़े के पैर में लोहे की नाल जड़वा देते हैं, क्योंकि उन्हें प्रतिदिन पक्की सड़कों पर दौड़ना पड़ता है । यह नाल भी बहुत प्रभावी होती है । दारिद्र्य निवारण के लिए इसका अश्व नाल तंत्र प्रयोग अनेक प्राचीन ग्रंथों में वर्णित है ।
अश्व (वाहन) ashwa naal tantra या घोड़े की नाल तभी प्रयोजनीय होती है, जब वह अपने आप घोड़े के पैर से उखड़कर गिरी हो और शनिवार के दिन किसी को प्राप्त हो । अन्य दिनों में मिली नाल प्रभावहीन मानी जाती है । शनिवार को अपने आप, राह चलते कहीं ऐसी नाल दिख जाए, भले ही वह घोड़े के पैर से कभी भी गिरी हो उसे प्रणाम करके ‘ॐ श्री शनिदेवाय नमः’ का उच्चारण करते हुए उठा लेना चाहिए।
शनिवार को इस प्रकार प्राप्त नाल लाकर घर में न रखें, उसे बाहर ही कहीं सुरक्षित छिपा दें । दूसरे दिन रविवार को उसे लाकर सुनार के पास जाएँ और उसमें से एक टुकड़ा कटवाकर उसमें थोड़ा सा तांबा मिलवा दें । ऐसी मिश्रित धातु (लौह-ताम्र) की अंगूठी बनवाएँ और उस पर नगीने के स्थान पर ‘शिवमस्तु’ अंकित करा लें । इसके पश्चात् उसे घर लाकर देव प्रतिमा की भाँति पूजें और पूजा की अलमारी में आसन पर प्रतिष्ठित कर दें । आसन का वस्त्र नीला होना चाहिए ।
एक सप्ताह बाद अगले शनिवार को शनिदेव का व्रत रखें । सन्ध्या समय पीपल के वृक्ष के नीचे शनिदेव की पूजा करें और तेल का दीपक जलाकर, शनि मंत्र ‘ॐ शं शनैश्चराय नमः’ का जाप करें । एक माला जाप पश्चात् पुनः अंगूठी को उठाएँ और 7 बार यही मंत्र पढ़ते हुए पीपल की जड़ से स्पर्श कराकर उसे पहन लें । यह अंगूठी बीच की या बगल की (मध्यमा अथवा अनामिका) उँगली में पहननी चाहिए । उस दिन केवल एक बार संध्या को पूजनोपरांत भोजन करें और संभव हो तो प्रति शनिवार को व्रत रखकर पीपल के वृक्ष के नीचे शनिदेव की पूजा करते रहें । कम से कम सात शनिवारों तक ऐसा कर लिया जाए तो अश्व नाल तंत्र (ashwa naal tantra) के हिसाब से शनि देव की विशेष लाभ होता है । ऐसे व्यक्ति को यथासंभव नीले रंग के वस्त्र पहनने चाहिए और कुछ न हो सके तो नीला रूमाल य अंगोछा ही पास में रखा जा सकता है ।
इस ashwa naal tantra से बनी मुद्रिका को साक्षात् शनिदेव की कृपा के रूप में समझना चाहिए । इसके धारक को बहुत थोड़े समय में ही धन-धान्य की सम्पन्नता प्राप्त हो जाती है । दरिद्रता का निवारण करके घर में वैभव-सम्पत्ति का संग्रह करने में यह अंगूठी चमत्कारिक प्रभाव दिखलाती है ।
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Acharya Pradip Kumar is a renowned astrologer known for his expertise in astrology and powerful tantra mantra remedies. His holistic approach and spiritual sadhana guide clients on journeys of self-discovery and empowerment, providing personalized support to find clarity and solutions to life’s challenges.