काली जुवान सिद्धि साधना

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Kali Juban Siddhi Sadhana :

वाणी सिद्धि एक द्रुलोभ साधना है। जाव कि साधक के मुख कि जिभा काली नहि होति वालकि उसका वोली सत्य होने करण ईस तरहा काहा जाता है। ईस साधना से लाभ हि लाभ साधक उठाता है।जो भी सत्य करना सिर्फ एक वार वोल दो कुछ पल मेँ वो सत्य हो जाता है।
पल भार मेँ सत्रु कि नाश हो या किसि वश्तु कि कामना हो वो तुरन्त पुरा हो जाता है।साधक के मुख से जो वोली निकला वो सत्य हो के रहता है,चाहे दुनिया ईधार के उधार हो जाय।
देखा जाय तो आसुर या देवता को जानम से हि य सिद्धि प्राप्त रहता तव तो वारदान देने का लाईक रहेते है।हमरे पुरणओँ मेँ ईस विद्या के विषय मे जानकारी है, किस तरहा रुषिमुनि ईसि विद्या के वल पर किसि को भी अभिशाप देते थे,खुश होने पर वरदान भी दिया करते थे जो फलता भी था।
महाभारत मे कुन्ती ने आनजाने मे ईस विद्या का प्रयोग किया जिसका फलसरुप पाँच पाडव को एक स्त्री से विवाह करना पडा जो आज भी कायम है।नेपाल, भारत के अरुणाचलप्रदेश मे ए प्रथा है और एक प्रथा हर धर्म मे प्रचलन हुआ वाडा भाई के मौत किसि करण हो जाय तो, छोटे भाई वाडे भाई के विवि से विवाह राचाना।कलयुग मेँ भी वाणी सिद्धि जागुत साधना है।
जो किलित नहि है, किसि भी साधक चाहे तो आसानी से ईस विद्या को हासिल कर साकता है। शव साधना के माधय्म से करे तो ए एक रात का साधना है। शव साधना मेँ वह शव चाहिय जो प्राकुतिक हो। आगर हत्या किया हुआ शव लिया जाय तो साधक के लेने के देने पड साकते है।ए तो था शव साधना का जानकारी। वाणी सिद्धि साधना किस भी दिन से आरंभ किया जा साकता है।
दिन या रात किस एक समय का चयन करना पडता है। साफ कपडा परिधान कर ले माथे पर सिँदुर का टिका लाग ले और माला रुद्राक्ष होना चाहिए।दिप धुप प्रजलित कर के हनुमान जि का ध्यान कर के मंत्र जाप आरंभ करना चाहिय। कुछ दिनोँ तक 1100 जाप करना है।
साधना (Kali Juban) पेहेले दिन 1100 घि से होम कर ले सिर्फ पेहेले दिन, आगर आप चाहे तो प्रतिदिन कर सकते हो।
मंत्र- ॥ ॐ नमः हनुमते रुद्रवतारय पंन्च मुखाय वाच मुख सिद्धि साधय साधय रामदुताय स्वाहा॥
सावधान-
कभी कभी हनुमान स्वयं आजाते है, आगर आय तो वैठने के लिय आसान और खाने के लिय कुछ फल मुल प्रदान करे।
चेतावनी –
सिद्ध गुरु कि देखरेख मे साधना (Kali Juban) समपन्न करेँ , सिद्ध गुरु से दिक्षा , आज्ञा , सिद्ध यंत्र , सिद्ध माला , सिद्ध सामग्री लेकर हि गुरू के मार्ग दर्शन मेँ साधना (Kali Juban) समपन्न करेँ ।बिना गुरू में साधना करना अपने विनाश को न्यौता देना है बिना गुरु आज्ञा साधना करने पर साधक पागल हो जाता है या म्रत्यु को प्राप्त करता है इसलिये कोई भी साधना बिना गुरु आज्ञा ना करेँ ।
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ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार:- मो. 9438741641 {Call / Whatsapp}
जय माँ कामाख्या

Acharya Pradip Kumar is one of the best-known and renowned astrologers, known for his expertise in astrology and powerful tantra mantra remedies. His holistic approach and spiritual sadhana guide clients on journeys of self-discovery and empowerment, providing personalized support to find clarity and solutions to life's challenges.

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