पुतली आकर्षण यंत्र क्रिया

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अहंकार के कारण कभी कभी कोई स्त्री इतना अधिक मान कर बैठती है की व्यक्ति की मानसिक पीड़ा असह्य हो जाती है ऐसी स्त्री को अपनी ओर आकृष्ट करने एवं अनुकूल बनाने में यह पुतली आकर्षण क्रिया (putli aakarshan kriya) सफल होता है
शुभ मुहूर्त में रात्री समय भोजपत्र पर इस पुतली आकर्षण क्रिया यन्त्र (putli aakarshan kriya yantra) की रचना की जाती है लाख ,हल्दी और मजीठ को पानी में घिसकर स्याही बनाई जाती है और अनार की कलम से यन्त्र बनाया जाता है अभीष्ट स्त्री के पैर की मिटटी लाकर उससे एक नारी प्रतिमा बनाई जाती है जिसमे यदि सम्भव हो तो सम्बंधित स्त्री के कपड़े ,बाल आदि लगा दिए जाते हैं प्रतिमा बनाते समय स्त्री का ध्यान करते हुए कल्पना की जाती है की यह वही स्त्री है और उसी की प्रतिमा है इसके बाद यन्त्र को प्रतिमा के गुप्तांग में स्थापित किया जाता है
ध्यान रहे की पहले पुतली आकर्षण यंत्र तैयार हो जाने पर उसकी धूप -दीप आदि से पंचोपचार पूजा कर लिया जाना चाहिए उसके बाद ही पुतली [प्रतिमा ] के गुप्तांग में यन्त्र स्थापित किया जाना चाहिए इसके बाद अभीष्ट स्त्री का ध्यान करते हुए आकर्षण मंत्र ( गुप्त रखा गया है ) का कम से कम एक घंटे जप किया जाता है इस प्रकार मंत्र -यन्त्र युक्त प्रतिमा को बाहर किसी निर्जन स्थान पर फिर रख आया जाता है यन्त्र में बीच के त्रिकोण में जहाँ बिंदु की लाइन बनी है वहां अभीष्ट स्त्री का नाम लिखा जाना चाहिए
जब यह पुतली आकर्षण क्रिया (putli aakarshan kriya) प्रयोग अपनी पत्नी अथवा प्रेमिका के लिए किया जाता है तब पुतली को घर के किसी कोने में रखा जाता है और रोज रात्री में एक घंटा मंत्र जप किया जाता है तब तक जब तक की वह पूरी तरह अनुकूल न हो जाए इसके बाद पुतली को आसपास किसी निर्जन स्थान पर रख आना चाहिए
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ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार (मो.) +91-7655043335 / 9438741641 {Call / Whatsapp}
जय माँ कामाख्या

Acharya Pradip Kumar is one of the best-known and renowned astrologers, known for his expertise in astrology and powerful tantra mantra remedies. His holistic approach and spiritual sadhana guide clients on journeys of self-discovery and empowerment, providing personalized support to find clarity and solutions to life's challenges.

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