Asadhya Rog Nibarak Mantra Upay :
मंत्र : “ओम ह्रीं ह्रीं क्लीं क्लीं काली कंकाली महाकाली-खपरबाली अमुकस्य अमुकं ब्याधि नाशय-नाशय शमनय स्वाहा ।।”
Asadhya Rog Nibarak Mantra Upay Vidhi :
पहले उक्त मंत्र का 12500 जप कर मंत्र को सिद्ध करें । फिर आबश्यकता पडने पर प्रयोग करें । उदाहरणार्थ कभी ऐसा प्रतीत हो कि रोगी मरणोन्मुख है और औषधियां काम नहिं दे रहि है तथा बचने का कोई उपाय नहिं है, तब इस रोग निबारक मंत्र का प्रयोग करें । रोगी को तीन दिन तक 108 मंत्र-जप से अभिमंत्रित जल से झाडें । इससे असाध्य-से-असाध्य रोग में भी शांति प्राप्ति होति है ।
“अमुकस्य” के स्थान में रोगी का नाम और “अमुक” के स्थान पर “रोग” या “ब्याधि” का नाम लेकर जल को अभिमंत्रित करना चाहिये ।
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जय माँ कामाख्या