Angon ke Sphurn se Milte hain Bhavishya ke Sanket :
अंगों के स्फुरण (sphurn) के संबंध में एक विचारणीय बिंदू सामने आता है कि आज के इस इंटरनैट युग में क्या अपनी इन पुरानी बातों को महत्व देंगे । यह तो अपनी-अपनी सोच पर निर्भर करता है किंतु यदि छोटी-छोटी बातों और पुरानी मान्यताओं तथा परम्पराओं की गहराई में जाकर उनका अध्ययन करके समझा जाए तो कहीं न कहीं वैज्ञानिक तथ्य भी प्राप्त हो जाएंगे ।
अंग स्फुरणों के फल प्राप्ति के संबंध में कभी-कभी तो फल शीघ्र ही प्राप्त हो जाते हैं किंतु कभी-कभी देर से प्राप्त होते हैं लेकिन यह सत्य है कि प्रत्येक स्फुरण एक सौर मास के अंतर्गत अपने फल को अवश्य ही प्राप्त कर लेता है । अंगों में लगातार स्फुरण ही लाभदायी व फलदायक होता है । क्षणिक स्फुरण का फल बहुत कम प्राप्त होता है ।
स्त्रियों के बाएं अंगों का तथा पुरुषों के दक्षिणांगों (दाएं) का फड़कना शुभ माना गया है । अत: उपयुक्त फलितांतर्गत जो भाग दाएं-बाएं में योग्य विभाजित किए जा सकते हैं उनके फल को भी तदनुसार ही समझना चाहिए । जिन भागों में योग्य विभाजन संभव नहीं है उनके फलित स्त्री पुरुष दोनों में समान होंगे ।
* सिर का बायां भाग फड़के तो मनुष्य यात्रा करेगा। दायां भाग फड़के तो धन की प्राप्ति होती है ।
* दोनों नेत्र साथ फड़कें तो मित्र या बिछुड़े से मिलन व बाईं आंख नाक की ओर से फड़के तो पुत्री प्राप्ति या शुभ कार्य होंगे ।
* मूंछ का दायां भाग फड़के तो विजय होती है तथा बायां भाग फड़कने पर झगड़ा होता है ।
* कंठ के फड़कने पर आभूषणों की प्राप्ति हो सकती है ।
* ऊपरी पीठ फड़कने पर धन मिलता है ।
* पेट का ऊपरी भाग फड़के तो हानिकारक व नीचे का भाग फड़कने पर अच्छा सूचक माना जाता है ।
* दायां घुटना फड़के तो स्वर्ण की प्राप्ति होती है ।
* यदि किसी व्यक्ति के कंधे अथवा कंठ में स्फुरण हो तो व्यक्ति के भोग विलास के साधनों में वृद्धि होगी । ऐसे धन प्राप्ति की आशा भी होती है जिसके पाने की कोई आशा ही न हो ।
* वक्ष स्फुरण (sphurn) यदि हो तो विजय प्राप्त होती है । शत्रु नाश होता है, मुकद्दमों में भी विजय श्री मिलती है । बार-बार जिस कार्य में असफलता मिली हो, उसमें भी सफलता प्राप्त होती है।
* कटि स्फुरण (sphurn) से आमोद-प्रमोद में वृद्धि होती है ।
* हृदय फड़कने से मनोवांछित सिद्धि प्राप्त होती है ।
* गुदा फड़कने से वाहन सुख की प्राप्ति होती है ।
* आंत अथवा आमाशय स्फुरण (sphurn) से रोग मुक्ति की सूचना मिलती है ।
* पीठ का लगातार स्फुरण (sphurn) आगामी समय में किसी संकट की सूचना देता है ।
* भुजाओं के फड़कने से मधुर भोजन व धन प्राप्ति की सूचना मिलती है । कहा भी गया है कि यदि किसी कंगाल की भुजा 15 दिनों तक फड़के तो वह करोड़पति हो जाता है ।
* पाद तलों (पैरों की तली) से यदि स्फुरण हो तो अनायास ही मान प्रतिष्ठा मिलती है ।
* नासिका, कटिपाश्र्व, लिंग, अधर, कपोल तथा जंघा में किसी भी भाग के स्फुरित होने पर प्रीतिसुख (प्रेम) प्राप्त होता है अर्थात प्रिय मिलन या किसी ऐसे नजदीकी व्यक्ति से मुलाकात होगी जिसके मिलन से सुख प्राप्त होगा ।
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जय माँ कामाख्या
Acharya Pradip Kumar is a renowned astrologer known for his expertise in astrology and powerful tantra mantra remedies. His holistic approach and spiritual sadhana guide clients on journeys of self-discovery and empowerment, providing personalized support to find clarity and solutions to life’s challenges.