यौन रोग और ज्योतिष :

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मनुष्य का वर्तमान जीवन उनके पूर्व जन्म के कार्मों पर निर्भर करता है। अपने कार्मों के कारण ही मनुष्य को सुख-दुख, रोग और मृत्यु की प्राप्ति होती है। व्यक्ति का जैसा कर्म होता है उसी अनुसार जन्म के समय उनकी कुंडली में ग्रहों की स्थिति बनती है और उनसे व्यक्ति जीवन भर प्रभावित होता है। हृदय रोग, कैंसर, एड्स और यौन रोग के लिए भी उनके कर्म और ग्रहों की स्थिति जिम्मेदार होती है। प्राचीन काल में चिकित्सक रोगी का उपचार करते समय उनकी जन्मपत्री भी देखते थे और उसके अनुसार जड़ी-बूटी, तंत्रमंत्रों का प्रयोग करते थे।
ज्योतिष में यौन रोग की चर्चा करते हुए बताया गया है कि वृश्चिक राशि का प्रभाव व्यक्ति के गुप्तांग पर होता है। कुंडली में अगर वृश्चिक राशि दूसरे, छठे, आठवें या बारहवें घर में हो और इन पर अशुभ ग्रहों प्रभाव हो तब व्यक्ति को यौन और गुप्त रोग होने की आशंका रहती है। लेकिन इस रोग का एक मात्र कारण यही नहीं है। कुछ दूसरे ग्रह भी हैं जो इस रोग के लिए जिम्मेदार होते हैं।
जन्मकुंडली में आठवां घर और उस घर के स्वामी ग्रह के साथ शुक्र, मंगल, शनि, राहु का संबंध एड्स रोग की आशंका को जन्म देता है। दी गई कुंडली में आठवें घर में शनि के साथ राहु भी बैठें है और आठवें घर के स्वामी मंगल को देख रहे हैं। इसके अलावा शनि और राहु की दृष्टि शुक्र, केतु, मंगल और सूर्य पर है। ग्रहों की यह स्थिति यौन संक्रमण और मृत्यु योग को दर्शाता है।
जन्मपत्री के सातवें घर में शनि, राहु का संबंध हो और सप्तेश पर इन दोनों ग्रहों की दृष्टि होने पर पुरुष में शुक्र की कमी होती है जिससे संतानोत्पत्ति में बाधा आती है। दी गई कुंडली में शुक्र सातवें घर का स्वामी है और सातवें घर में शनि राहु बैठे हैं जो लग्न स्थान में शुक्र को देख रहे हैं। वृश्चिक राशि को यौन रोग देने वाला माना गया है । इस कुंडली में शुक्र के साथ वृश्चिक लग्न के स्वामी मंगल पर भी शनि राहु की दृष्टि है जो नपुंसकता का योग बना रहे हैं।
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार कुंडली के सातवें घर में शनि राहु बैठे हों, सातवें घर का स्वामी पर शनि राहु की दृष्टि हो या शनि के साथ नीच का शुक्र हो तब पुरुषों में शुक्र की कमी होती है। स्त्री की कुंडली में ऐसा योग होने पर गर्भाशय में परेशानी रहती है जिससे संतान प्राप्ति में परेशानी आती है। दी गई कुंडली में शुक्र शनि और राहु के साथ सातवें घर में बैठा जो इस तरह के योग का निर्माण कर रहा है।
उपाय : –
शुक्र ग्रह के मंत्र (ऊँ द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम:) जप से भी यौन रोग में लाभ मिलता है।

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ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार- 9937207157/ 9438741641 (call/ whatsapp)

Acharya Pradip Kumar is one of the best-known and renowned astrologers, known for his expertise in astrology and powerful tantra mantra remedies. His holistic approach and spiritual sadhana guide clients on journeys of self-discovery and empowerment, providing personalized support to find clarity and solutions to life's challenges.

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