Bhautik Sukh Prapti Hetu Gandharv Sadhana :
गंधर्वों को देवताओं का साथी माना गया है । गंधर्व विवाह, गंधर्व वेद और गंधर्व संगीत के बारे में आपने सुना ही होगा । गन्धर्व नाम से एक अकेले देवता थे, जो स्वर्ग के रहस्यों तथा अन्य सत्यों का उद्घाटन किया करते रहते थे । वे देवताओं के लिए सोम रस प्रस्तुत करते थे । विष्णु पुराण के अनुसार वे ब्रह्मा के पुत्र थे और चूंकि वे मां वाग्देवी का पाठ करते हुए जन्मे थे, इसीलिए उनका नाम गंधर्व पड़ा । दरअसल, ऋषि कश्यप की पत्नी अरिष्ठा से गंधर्वों का जन्म हुआ। अथर्ववेद में ही उनकी संख्या 6333 बतायी गई है ।
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जय माँ कामाख्या