बहुत से भाइयो बहनों कि यह समस्या होती है कि शत्रु उन्हें जबरदस्ती परेशान कर रहे उनका अपमान कर रहे उन्हें आर्थिक मानसिक शारीरिक व सामाजिक हानि पहुंचा रहे हाथ धो कर शत्रु पीछे पड़ गए हैं कई उपाय कर लिए लेकिन शत्रु हार नही मानते जिंदगी को नर्क बना दिये ।
बार बार तांत्रिक क्रियाएं तक कर रहे करवा रहे कोर्ट कचहरी के चक्कर में फंसाने की धमकी दे रहे और फंसा भी रहे । आप शत्रु मारण करने कराने में असफल रहे आप कोई बड़ी निवारण प्रयोग शत्रु को पराजित करने नही कर सकते आपके ऊपर शत्रु दिनों दिन ताकतवर हो रहे वे लोग अब निराश न हों ।
आज एक ऐसा सटीक प्रचंड शत्रु निवारण प्रयोग दे रहा हूँ अब शत्रुवो की खैर नही या तो शत्रु आपके सामने घुटने टेक देंगे या माफी मांग लेंगे या आपसे समझौता कर लेंगे और अगर इतने में भी नही मानते तो वे अपना ही सर्वनाश करा लेंगे ।
आपको मंगलवार से ये क्रिया करना है आपको मंगलवार को पपीते के पेड़ के पास जाकर पपीते के एक पत्ते लाना है और आंकड़े /आंक /मंदार कई नाम से जानते हैं उनके सात पत्ते लाना है । मदार श्वेतार्क हो या निलार्क कोई भी । दोनों मिलाकर आठ पत्ते एक पपीते के और सात आंकड़े के इसे मंगलवार को लाना है यह प्रचंड शत्रु निवारण प्रयोग दोपहर को करना है । यह प्रचंड शत्रु निवारण प्रयोग घर पे या छत पे एकांत में करना है इसके बाद काली मिर्च को पीस कर हल्दी पावडर और लकड़ी के कोयले को पीस कर एक स्याही बना लें।
अब एक मोटा सुई लेकर इस स्याही से मदार के पत्तो पर उस शत्रु का नाम शत्रु के पिता का नाम शत्रु के माता का नाम ये न हो तो शत्रु के पत्नी उनके बेटे का नाम लिखिए । उसके नीचे सिर्फ दो अक्षर लिखना है ।।धा ठा।। बस ऐसे सात मदार के पत्तों पर और एक पपीते के पत्तों पर लिख देना ।
अब सभी मदार के पत्तों को पपीते के पत्ते के ऊपर रख कर फोल्ड कर दें और एक काले धागे से लपेट दें उसी समय थोड़ी सी सुखी झाड़ जला कर इसे अपने बाएं हाथ से उसपर डाल दीजिए । अब आप अपने घर पर लौट आइये ध्यान रखें पीछे मुड़कर न देखें । ऐसे प्रचंड शत्रु निवारण प्रयोग पांच मंगलवार कर लीजिए शत्रु कितना भी बलशाली क्यो न हो उसकी दुर्दशा आप खुद देखेंगे । याद रहे छोटे मोटे लड़ाई झगड़े तो सामान्य सी बात है इनमें इस क्रिया को न करें वो तबाह हो जाएगा जिसका दंड आप स्वयं भुगतेंगे ।
कोई अगर किसी को जबरदस्ती अपना शत्रु मानकर यह प्रचंड शत्रु निवारण प्रयोग अगर कर देंगे तो उसका जिम्मेदार आप खुद होंगे क्यो की दंड तो आप को ही मिलेगा । जब शत्रु एकदम पीछे पड़ गया हो तभी करें ट्राई करने या मजे लेने के लिए इस क्रिया को कभी न करें सामने वाला तबाह हो जाएगा जिसका परिणाम बहुत घातक होगा आपके लिए किसी के प्रति अगर वो शत्रु नही है के प्रति यह प्रचंड शत्रु निवारण प्रयोग करने पर यह उसको तो यह छोड़ेगा नही फिर लौट कर आपके घर को भी नही छोड़ेगा।।
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जय माँ कामाख्या