मसालों के सेवन से ग्रहों को मजबूत कैसे करें ?

मसालों के सेवन से ग्रहों को मजबूत कैसे करें ?

मसालों के सेवन : भारत में हजारों तरह के मसालों का उत्पादन होता है । मसालों को हम सब्जी बनाने या अन्य कोई खाद्य पदार्थ बनाने में उपयोग में लेते हैं । यह मसालों जहां हमारे स्वास्थ्य के उपयोगी हैं वहीं ये हमें ग्रह नक्षत्रों के बुरे प्रभाव से भी बचाते हैं । तो आओ जानते हैं कि कौन सा मसालों किस ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है ।
1. सूर्य : लाल मिर्च सूर्य और मंगल का मसालों है जो स्वाद की ग्रंथि को मजबूत कर रक्त को संचारित करता है । इसके अलावा काली मिर्च, सरसों, गुड़ और जौं आदि पर भी सूर्य का प्रभाव रहता है ।
2. चंद्र : इलाइची चंद्र का मसाला है जो श्वास के रोगों में लाभदायक है । यह सुगंध पैदा करती है । इसके अलावा हींग भी चंद्र का मसाला है जो अपनी तीखी सुगंध और गुण से शरीर से वायु प्रकोप को दूर करती है । अर्थात पेट में गैस की समस्या है तो दूर हो जाएगी । इसके अलावा खोपरा जो अक्सर ग्रेवी मनाने में उपयोग में लिया जाता है ।
3. मंगल : लाल मिर्च सूर्य और मंगल का मसाला है जो स्वाद की ग्रंथि को मजबूत कर रक्त को संचारित करता है । इसके अलावा रतन जोत सब्जियों में रंग और स्वाद पैदा करता है। इससे शरीर में साहस और शक्ति का संचार होता है । इसके अलावा दालचीनी, लाल मिर्च, अदरक, मैथी और मूंगफली (ग्रेवी में इसका उपयोग होता है) पर भी मंगल का प्राभव रहता है ।
4. बुध : धनिया से पित्त संतुलित होता है । इसका रस किडनी को साफ करके मुत्राशय के रोग दूर करता है । इसके अलावा हींग और हरी इलायची पर भी बुध का प्रभाव माना गया है ।
5. गुरु : हल्दी में घाव भरने की और विष प्रतिरोधक क्षमता होती है । चना, हल्दी, जौं आदि। इसके अलावा अपने रंग की वजह से सरसों को भी बृहस्पति का मसाला माना जाता है। इससे पित्त का संतुलन होता है और यह उर्जा प्रदान करता है । हल्दी की गांठ को पीले धागे में बांधकर गुरुवार को गले में धारण करने से बृहस्पति के अच्छे फल मिलते है और यह तो हम सब को पता है की हल्दी का दूध पीने से ज़बरदस्त फायदा मिलता है ।
6. शुक्र : जीरा शुक्र से साथ ही राहु का मसाला भी है । यह अम्लीय प्रभाव दूर करता है । यदि एसिडिटी हो गई है तो थोड़ा सा जीरा मसल कर फांककर चबाल लें। यह भूख भी बढ़ाता है । शुक्र और राहु खराब होने से यह समस्या होती है । सौंफ भी शुक्र का मसाला है । यह भोजन को पचाता है और मुख के लिए भी लाभदायक है । भोजन करने के बाद अक्सर लोग यह खाते हैं । इसके अलावा खड़े काली मिर्च,नमक, दालचीनी, सौंफ, मटर और बींस पर भी शुक्र का प्रभाव माना गया है । काली मिर्च के सेवन से हमारा शुक्र और चंद्रमा अच्छा होता है ।तांबे के किसी बर्तन में काली मिर्च डालकर रखने से घर को नज़र नहीं लगती है ।
7. शनि : काली मिर्च शनि का मसाला है जो को कफनाशक है । यह पाचन क्रिया को भी दुरुस्त करती है। इससे शनि प्रबल होता है। इसके अलावा लौंग में सिर दर्द और दांत का दर्द दूर करने की क्षमता होगी है। इसके अलावा तेल, काले तील, काली मिर्च, शहद और लौंग पर भी इसका प्रभाव माना गया है।
8. राहु : तेजपत्ता राहु का मसालों है । यह दर्दनाशक होता है । यह मसालों में सुगंध पैदा करता है । इसके अलावा जायफल त्वचा के रोग में लाभदायक तो है ही साथ ही यह अन्य कई रोग में भी लाभदायक होता है । दोनों ही मसालों को उपयोग सर्दी में ज्यादा करते हैं । इसके अलावा लहसुन, काले चने, काबुली चने और मसले पैदा करने वाले पौधों पर राहु और केतु का अधिकार होता है । कुछ लोग जीरा पर भी राहु और केतु का अधिकार मानते हैं ।
9. केतु : अजवाइन केतु का मसालों है जो वात नाशक होता है । यदि अजवाइन के साथ थोड़ा सा काला नमक मिलाकर फांक लिया जाए तो यह गैस की समस्या को दूर करता है । इसके इमली, अमचूर और तिल पर भी इसका प्रभाव माना जाता है । कुछ लोग जीरा पर भी राहु और केतु का अधिकार मानते हैं ।

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जय माँ कामाख्या

Acharya Pradip Kumar is renowned as one of India's foremost astrologers, combining decades of experience with profound knowledge of traditional Vedic astrology, tantra, mantra, and spiritual sciences. His analytical approach and accurate predictions have earned him a distinguished reputation among clients seeking astrological guidance.

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