Aakarshan Prayog Kaise Kare ?
अष्टम अंक में भगबान त्र्यम्बक ने शिबगिरि को आकर्षण प्रयोगों (Aakarshan Prayog) का उपदेश दिया है । इन प्रयोगों का संखिप्त बिबरण निम्न प्रकार है-
महादेब बोले – हे मुनि !एकाग्रचित होकर सुनो । अब में आकर्षण प्रयोगों को कहता हुं जिनका प्रयोग करने से दूर स्थित आदमियों का भी आकर्षण हो जाता है ।
काले धतुरे के रस में गोरोचन मिलाकर कनेर की कलम से पन्द्रह का यंत्र लिखे । उसे भोजपत्र पर लिखकर जिसका आकर्षण करना हो उसका नाम लेकर खदिर की आंच से तपाये तो सौ योजन दूर रहनेबाला प्राणी भी शीघ्र आ जाए । इसमें मिथ्या कुछ नहीं ।
गोरोचन और कुंकुम मिलाकर मनुष्य की खोपडी में यंत्र लिखकर उस मनुष्य का नाम लेकर तीनों समय खदिर की अग्नि में तपाये । फिर सिद्धमंत्र का जप करे तो उर्बशी का भी आकर्षण कर ले । रबिबार को पुष्य नक्ष्यत्र में ब्रह्मादण्डी लाकर उसका चूर्ण करे । और कामार्ता कामिनी को देखकर उसके शिर पर डाल दे तो बह उसके पीछे हो जाए । यह अन्यथा नहीं ।
Mantra For Aakarshan Prayog :
मंत्र : “ॐ नमो बीरबेतालाय मन्दराचलबासिने अमुकम् (जिसे आकर्षित करना हो उसका नाम लें) आकर्षय आकर्षय ह्रीं क्लीं फट् स्वाहा।”
यह मंत्र अत्यन्त प्रभाबी आकर्षण मंत्र है किन्तु मंत्र का प्रभाब उसके बिधि बिधान से सिद्ध करने में है । इसके लिए गुरु सानिध्य में इसको सिद्ध करना चाहिए। तीन लाख बार जपने से मंत्र सिद्धि होगी ।
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जय माँ कामाख्या
Acharya Pradip Kumar is a renowned astrologer known for his expertise in astrology and powerful tantra mantra remedies. His holistic approach and spiritual sadhana guide clients on journeys of self-discovery and empowerment, providing personalized support to find clarity and solutions to life’s challenges.