बिभिन्न भाबों में शुक्र का प्रभाब :
शुक्र का प्रभाब कुण्डली के बिभिन्न भाबों में …
१. पहले भाब में शुक्र का प्रभाब ब्यक्ति को बिद्वान, सत्संगी, सुखी, कोमल स्वभाब, संगीत प्रेमी तथा बिलासी बनाता है ।
२. दुसरे भाब में शुक्र का प्रभाब से ब्यक्ति बिद्वान, धनबान, भाग्यबान, कर्त्यब्य परायण, आयुष्मान तथा साहसी बनाता है ।
३. तीसरे भाब में शुक्र का प्रभाब ब्यक्ति की सुख, भाग्य तथा धन धान्य में बृद्धि करता है । ऐसे ब्यक्ति अपनी पत्नी से संतुष्ट नही होते ।
४. चौथे भाब में शुक्र का प्रभाब ब्यक्ति को भाग्य, धन, बाहन तथा संतान सुख से पूर्ण करता है ।
५. पंचम भाबगत शुक्र का प्रभाब से ब्यक्ति को बुद्धि, प्रतिभा, साहित्य प्रेम, सद्गुण आदि की प्राप्ति होती है । यह ब्यक्ति नीतिज्ञ तथा कलाप्रेमी होते हैं ।
६. छठे भाब का शुक्र ब्यक्ति को मितब्ययी, बैभबहीन तथा गुप्तरोगी बनाता है । यह ब्यक्ति संकीर्ण प्रबृति के होते है ।
७. सप्तम भाब में शुक्र होने से ब्यक्ति भोगी, बिलासी, चंचल स्वभाब, संगीत प्रेमी होता है । अच्छा तथा ऐश्वर्यमय जीबन जीना अच्छा लगता है ।
८. अष्टम भाब का शुक्र ब्यक्ति को बासनाप्रिय, गुप्त रोगी तथा पारिबारिक जीबन में असंतोष देने बाला बनाता है ।
९. नबम भाब में शुक्र होने से ब्यक्ति धर्म- कर्म में बिश्वास करने बाला, बुद्धिमान तथा भाग्यबान बनाता है । ऐसे ब्यक्ति अनेक तीर्थ यात्राएँ करते हैं ।
१०. दश्म् भाब में शुक्र ब्यक्ति को गुणबान, धनबान, प्रतिभाबान तथा माता –पिता का भक्त बनाता है । ज्योतिष तथा अन्य गुह्य बिद्याओं में इनकी रूचि होती है ।
११. एकादश भाब में शुक्र ब्यक्ति को कामी, धनबान, बुद्धिमान तथा प्रतिभाबान बनाता है ।
१२. द्वादश भाब में शुक्र की स्थिति मितब्ययी बनाती है । जीबन साथी से इनकी अनबन रहती है । यह धातु बिकार से पीड़ित होते हैं ।
ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार
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