अघोरी मनसाराम मंत्र सिद्धियां

Aghori Mansaram Mantra :
मंत्र :“ॐ नमो आदेश गुरु को,घोर घोर इन घोर, काज़ी की किताब घोर,मुल्ला की बांग घोर, रैगड़ को कुंड घोर, धोबी को कुंड घोर,पीपल का पान घोर,देव की दीवाल घोर,अपनी घोर बिखरता चल पर की घोर बैठाता चल वज्र के किवाड तोड़ता चाल सार का किवाड़ तोड़ता चाल चल कुन कुन सो बन्द कर करता चल पर को घोर बैठता चल भूत को प्लीत को देव दानव को दुष्ट को मुष्ट को चोट को फेट को मेले को घरेले को उलके को बुल्के को हिड़के भिड़के को ऊपरी को परायी को डंकनी स्यारी को भूचरी को खेचरी को कल्वे को मलबे को ऊन को मथवाय को तिजारी को मथवायी को मंगरा की पीड़ा को पेट की पीड़ा को सास को कास को मरे को मसाण को कुंण कुंण से मसाण कचिया मसाण भुकिया मसाण किटिया मसाण को छिडी चौपट मसाण को नुह्या मसाण को इनको बन्द कर एड़ी की एड़ी बांध करि पीड़ा की पीड़ा बांध जांघ की जाड़ी बांध करि कटया की कड़ी बांध करि पेट की पीड़ा बाँध करि छाती की शूल बांध करि सरि की सीश बांध करि चोटी की चोटी बंध करि नौ नाडी बहत्तर कोठा रोम रोम में घर पिंड में दखल कर देश बंगाला का मनसा राम सेवड़ा आकर मेरा कारज सिद्ध ना करे तो गुरु उस्ताद से लाजै शब्द साँचा पिंड कांचा फुरो मन्त्र ईश्वरी वांचा।”

Aghori Mansaram Mantra Siddh Karne Ki Vidhi :

प्रत्येक रविवार को सन्ध्या के समय एकांत स्थान पर पीपल के पेड़ के नीचे जाकर किसी भी साफ सुथरे स्थान पर बैठकर अघोरी मनसा राम सेवड़ा बंगाल खंड को याद करके शराब और मांस का भोग चढ़ा दें
फिर इत्र का फाहा चढ़ा दें तथा छाड़ छड़ीला सुलगाकर सरसों के तेल का गिरी बत्ती वाला दिया लगा दें और 1 माला जाप करें। अगर उस अस्थान पर एकांत न हो तो वापिस घर जाकर ये जप एकांत कमरे में करें और लगातार 11 रविवार ये क्रिया करें अनुभव एव किर्या गुप्त रखें और किसी को ना बताएं। प्रत्येक रविवार इस मन्त्र का जप करें।
Aghori Mansaram Mantra Prayog Vidhi :
इस मन्त्र से मसाण का इलाज़ किया जाता है मन्त्र व ईष्ट वही होते है करने वाले आदमी के ऊपर होता है इस मन्त्र से झाड़ा किया जाता है इस मन्त्र से उतारा होता है बंधन भी लगाया जाता है बंधन खोला भी जाता है साधक पर निर्भर करता है सब कुछ भभूत भी दी जाती है। जैसे राम मंदिर में बैठा हुआ पुकारी राम नाम से ही सब कुछ कर लेता है ईस मन्त्र का साधक इस मंत्र से बहुत कुछ कर सकता है।
Aghori Mansaram Mantra Ke Fyda :
सिद्ध होने के बाद ये मन्त्र बहूत काम करता है। प्रेत या भूत ग्रस्त व्यक्ति मनोउन्मादी तन्त्र बाधा द्वारा विक्षिप्त किसी भी बंदे के इलाज किया जा सकता है कोई भी शारीरिक कष्ट को इसी मन्त्र के द्वरा इलाज़ संभव है।
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