अजब तकनीक के बिस्मयकारी प्रयोग

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Ajab Takneek Ke Bismaykari Prayog :

सामान्यतया साधक भी यह समझ ते हैं कि बाममार्ग का अर्थ निकृष्ट साधनाओ  एबं क्रियाओ द्वारा भयानक शक्तियो को सिद्ध करने का मार्ग है ! परन्तु यह एक भ्रम है ! बाममार्ग और दक्षिण मार्ग मे अंतर यह है की बाममार्ग की साधनाए नीचे से उपर की और और दक्षिण मार्ग की साधनाए उपर से नीचे की और सिद्ध की जाती है! आज हम यंहा पर “अजब तकनीक के बिस्मयकारी प्रयोग (Ajab Takneek Ke Bismaykari Prayog)” के बारे में चर्चा करने जा रहे है , जिससे आपको इस (Ajab Takneek Ke Bismaykari Prayog) के बारे में बहुत कुछ जानकारी मिल सके !
 
जो भी ब्यक्ति यह कह्कर बाममार्ग की आलोचना करते है कि यह निकृष्ट मार्ग है , उन अज्ञानीयो को यह ज्ञांत नही है कि दुर्गाजी, कालीजी, लक्ष्मीजी, सरस्वतिजी, गनेशजी, पार्वतीजी, रुद्र स्वयं देवाधि देव सदाशिब भी बाममार्ग के ही देबी-देबता है ! बैदिक रुषि तो मुर्ति पुजक थे ही नही !
 
बाममार्ग के कई सम्प्र्दाय रहे है! इनमे से प्रमुख और पुराना सम्प्र्दाय ब्रह्मांण्ड के वास्तविक परमात्मा द्वारा उत्पन्न शक्तियो की ही साधना करता था! यह प्राक्रुतिक रुप से उत्पन्न होने वाले ब्रह्मांण्ड के पाबर सर्किट के मुख्य उर्जा बिंदु है! यही इन शक्तियो का निबास होता है!

Ajab Takneek Ke Bismaykari Prayog Jaise :

1. भिरबजी (अस्तित्व निर्माण को स्तायित्व देने बाली उर्जा )
2. कालीजी (मुलाधार की उर्जा)
3. दुर्गाजी ( स्वाधिस्थान की उर्जा )
4. लक्ष्मीजी ( मणिपुर की उर्जा )
5. प्राणेस्वरी ( अनाह्त की उर्जा )
6. सरस्वती ( भाबचक्र की उर्जा )
7. गणेशजी (आज्ञाचक्र की उर्जा )
8. रुद्र ( त्रिनेत्र की उर्जा )
9.पार्वतीजी (सहस्रार की उर्जा )
10. सती ( शिखादीप की उर्जा )
इन्ही शक्तियो को बैदिक ऋषि देवताओ के नाम से, अघोरपंथ मे अन्य नाम से,अघोड्नाथ सम्प्रदाय मे अन्य नाम से और बिभिन्न सम्प्रदाय मे बिभिन्न नामो से पुकारा जाता है! ये दस माहाबिद्याये है ! इन्हे ही नबशक्ति कहा जाता है ! ये बास्तबिक और मुख्य उर्जाये है, जो स्वाभाबिक रुप से प्रक्रुति मे उत्पन होती है!
 
बाममार्ग मे सिद्धों एबं नाथो की परम्परा मे इन शक्तियो को छोड्कर नये-नये मांनशिक भाबो कि शक्तियो कि सिद्धियां की जाने लगी ! ये शक्तिया अगिया बेताल, कर्णपिशाच,कर्णपिसाचिनी, स्वप्नेश्वरी, भुवनेश्वरी, कामेश्वरी ,काम्मोहिनी, मधुमोहिनी, यक्षिणी आदि अनेक है ! इंनकी सता स्वाभाबिक रुप से नही है ! ये काल्पनिक देबिया एबं शक्तिया है, ज़िन्हे मानसिक भाब से बिभिन्न उर्जा-समीकरणो को उत्पन्न करके साधक अस्तित्व मे लाता है ! ये ब्रह्मांण्ड मे प्राक्रुतिक रुप से उत्पन्न होने बाली शक्तिया नहीं है ! अजब तकनीक के बिस्मयकारी प्रयोग (Ajab Takneek Ke Bismaykari Prayog) की इस लेख में आपको सम्पूर्ण ज्ञान मिल गया होगा  !ऐसे कई ज्योतिष तंत्र मंत्र की ऊपर जानकारी के लिए हमारा साथ जुड़े रहे ! प्रणाम ! ! 
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