क्या है सिद्ध अष्टलक्ष्मी साधना ?

अष्टलक्ष्मी साधना सम्पूर्ण रूप से माता लक्ष्मी की साधना होता है । पिछले जन्म के किया हुआ कर्म (अछे /बुरे ) का प्रभाब से इस जन्म में मनुष्य को धन का अभाब दिखाई देता है । धन के अभाव में मनुष्य मान सन्मान प्रतिष्ठा से भी वंचित रहता है । सब के सामने बेजती होना , मान सम्मान हानि और शरीर रोग ग्रस्त होना पड़ता है । इससे बचना और धन दौलत प्राप्ति करना और एक सुखी जीबन बिताने केलिए आज के युग में कण नहीं पसंद करता ! उसके लिए आज आप सबके सामने एक एसा साधना लेकर आया हूँ , जिससे आप अपना इच्छा पूर्ति के साथ साथ धन दौलत प्राप्ति कर सकते हो और माता राणी की आशीर्वाद भी प्राप्त कर सकते हो। तो आइए जानते है, अष्टलक्ष्मी साधना के बारे में ..
अष्टलक्ष्मी साधना (Ashta Lakshmi Sadhana) को शुरू करने से पहले पञ्च देवता पूजन और गुरु पूजन के साथ साथ सदगुरुदेव प्रदुत्त मंत्र जाप (गुरुमंत्र) जाप जरूर कर लें ….संकल्प करना ना भूले ।
चाहे वह कितना भी बड़ा ज्ञानी क्यों ना हो ,कही मैंने सुना था की पैसा खुदा तो नहीं पर खुदा से कम भी नहीं । आज के युग में यह बात शत प्रतिशत मुझे योग्य लगती हैं । जिनके जीवन में धन का अभाव हैं, जिनका व्यापार अच्छे से नहीं चल रहा हैं जो कर्जे के चक्र्व्ह्यु में फस गए हैं और जो लोग धन के अभाव के कारण बार बार अच्छे मोके गवा देते हैं स्वयं भी दुखी होते हैं और परिवार भी दुखी रहेता हैं यह साधना उन सब को तो समर्पित तो हैं ही साथमे हमारे प्रिय साधक भाई यो को भी समर्पित हैं क्यूंकि धन के अभाव में साधन उपलब्ध नहीं होता और बिना साधन,साधना नहीं होती । अब आगे मैं क्या कहू पर आप स्वयं यह साधना करे फिर आपका हृदय स्वयं बोलेगा….
Ashta Lakshmi Sadhana Samagri :
१.सिद्ध श्रीयंत्र , पाट ,पीला वस्त्र , ताम्बे की थाली, गाय के घी के ९(नौ) दीपक, गुलाब अगरबत्ती, लाल/पीले फूलो की माला, पीली बर्फी, शुद्ध,अस्ट्गंध,
२.माला :स्फटिक/कमलगट्टा. जप संख्या :१,२५०००
३.आसन :पीला,—- वस्त्र : पीले ; समय :शुक्रवार रात नौ बजे के बाद
४.दिशा :उत्तराभिमुख
Ashta Lakshmi Sadhana Mantra :
अष्टलक्ष्मी साधना सिद्धि मंत्र : {{ ऐं ह्रीं श्रीं अष्टलक्ष्मीयै ह्रीं सिद्धये मम गृहे आगच्छागच्छ नमः स्वाहा ||}}
Ashta Lakshmi Sadhana Vidhan :
पाट पर पिला वस्त्र बिछा कर उस पर सिद्ध श्री यन्त्र स्थापित करे,पीले वस्त्र धारण कर पीले आसन पर बैठे श्री यन्त्र पर अस्ट्गंध का छीट्काव कर खुद अस्ट्गंध का तिलक करे उसके बाद ताम्बे की थाली में गाय के घी से नौ दीपक जलाये,गुलाब अगरबत्ती लगाये,प्रस्साद में पीली बर्फी रखे श्री यन्त्र पर फूल माला चढ़ाये उसके बाद मन्त्र जप करे ।
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जय माँ कामाख्या

Acharya Pradip Kumar is renowned as one of India's foremost astrologers, combining decades of experience with profound knowledge of traditional Vedic astrology, tantra, mantra, and spiritual sciences. His analytical approach and accurate predictions have earned him a distinguished reputation among clients seeking astrological guidance.

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