बिद्यादात्री यक्षिणी साधना क्या है?

Bidya Daatri Yakshini Sadhana Kya Hai ?

बिद्यादात्री यक्षिणी साधना में बिधि बिधान का बहुत महत्व है । यक्षिणी साधक को साधना काल में माँस, मदिरा एबं ताम्बूल का त्याग कर देना चाहिए तथा अपने शरीर से किसी भी अन्य ब्यक्ति के शरीर का स्पर्श नहीं होने देना चाहिए ।

यक्षिणी साधन (Bidya Daatri Yakshini Sadhana) की क्रिया प्रतिदिन प्रात:काल नित्यकर्म, स्नानादि से निबृत हो, किसी एकांत स्थान में मृगचर्म पर बैठाकर करनी चाहिए । जब तक सिद्धि प्राप्त न हो, तब तक साधना में ब्यबधान नहीं पड़ने देना चाहिए । यक्षिणी का ध्यान करते समय उसका माँ, बहन, बेटी अथबा मित्र के रूप में चिंतन करना चाहिए । जो ब्यक्ति यक्षिणी को प्रेयसी अथबा पत्नी के रूप में चिंतन करते हैं, उन्हें घोर कष्ट उठाना पड़ता है ।

Bidya Daatri Yakshini Sadhana Mantra :

मंत्र “ॐ नमो जगन्मात्रे नम:।।”

Bidya Daatri Yakshini Sadhana Vidhi :

निर्गुण्डी के पौधे पर बैठकर, एकाग्रचित से उक्त मंत्र का 10000 की संख्या में जप करने से बिद्यादात्री यक्षिणी प्रसन्न होकर साधक को इच्छित बिद्या प्रदान करती है ।

सर्बबिद्या यक्षिणी साधना :

“सर्ब –बिद्या” यक्षिणी साधन मंत्र यह है –
“ॐ ह्रीं शारदायै नम:”

साधना बिधि – औदुम्बर के बृक्ष पर बैठकर, एकाग्रचित से उक्त मंत्र का 10000 की संख्या में जप करने से “सर्ब –बिद्या” यक्षिणी प्रसन्न होकर साधक को चौदहों बिद्याओं में सिद्ध कर देती है ।

बाचा सिद्धि यक्षिणी साधना :

“बाचा –सिद्धि” यक्षिणी का साधन मंत्र यह है –
“ॐ ह्रीं श्रीं भारत्यै नम: ।”

साधना बिधि – आपने सर्ब (ओंगा या अटभागरा) के पौधे पर बैठकर एकाग्रचित से उक्त मंत्र का 10000 की संख्या में जप करने से “बाचा –सिद्धि” यक्षिणी साधक पर प्रसन्न होकर उसको बाच – सिद्धि प्रदान करती है अर्थात् बह अपने मुँह से जो कुच्छ कहता है , बह सत्य हो जाता है ।

Our Facebook Page Link

दूसरों तथा स्वयं की सुख शान्ति चाहने बालों के लिए ही यह दिया गया है । इसमें दिए गये यंत्र, मंत्र तथा तांत्रिक साधनों को पूर्ण श्रद्धा तथा बिश्वास के साथ प्रयोग करके आप अपार धन सम्पति, पुत्र पौत्रादि, स्वास्थ्य सुख तथा नाना प्रकार के लाभ प्राप्त करके अपने जीबन को सुखी और मंगलमय बना सकते हैं ।
तंत्राचार्य प्रदीप कुमार – 9438741641 (Call /Whatsapp)

Leave a Comment