जानिए चंड योगिनी साधना कैसे करें ?

योगिनी शब्द से हम में से अधिकाश भय ग्रस्त से हो जाते हैं , पर ये तो , अनेको ने इनके बारे में जो भी सुना सुनाया लिख दिया , खुद का स्वानुभव कितनो का था , और जिनका स्वानुभव था , वह तो चुप साध के बैठे रहे वह जानते थे की इनके बारे में बोलना ठीक नही हैं क्योंकि एक तो लोग मानेगे नहीं दुसरे क्यों इस सर्वोच्च स्तर की चंड योगिनी साधना (Chand Yogini Sadhana) को क्यों सामने लाये
तंत्र जगत में चौसठ तंत्रों की बात होती हैं तो क्या चौसठ ही तंत्र हैं , नहीं नहीं यह तो शाक्त मार्ग का वर्गीकरण हैं अन्य सम्प्रदाय में अनेको और तंत्र हैं डामर और यामल ग्रंथो को मिला कर साथ ही साथ यदि आप तंत्रों को भी मिला लिया जाये तो इतनी बड़ी संख्या बन जाती हैं जिसे देखकर ही हमारे मनीषियों पर गर्व होता हैं, पर इन्हें सुरक्षित रखने का प्रयत्न तो क रना ही चाहिए ही ..
पर इनको अपने जीवन में उतरना कभी ज्यादा लाभ दायक होगा , और स्वयम जान सकेंगे की इनकी वरदायक क्षमता के बारे में ….
योगिनी इन तंत्रों की अधिष्ठात्री हैं इसका मतलब तो यह हुआ की इनके माध्यम से आप तंत्र जगत के अनबुझे रहस्य ही जान सकते हैं , आखिर कब तक आप मात्र वशीकरण ,और मोहन जैसी क्रियाओ में अटके रहेंगे, आखिर कभी न कभी आपको इस में आगे बढ़ना हैं ही तो क्यों नहीं अभी कदम बढ़ाएं
पर यह चाहे प्रेमिका माता या बहिन जिस भी स्वरुप में सिद्ध की जाये या इनकी अनुकूलता प्राप्त कर ली जाये तो जीवन की कौन सी परिस्थितियां आपके लिए फिर कठिन हो सकती हैं
प्रेमिका स्वरूप में हमेशा ध्यान रहा जाये, वासनात्मक दृष्टी से इन्हें देखना या व्यवहार करना उचित नहीं हैं , हाँ स्नेह और विशुद्ध प्रेम की बात कुछ और हैं , पर यहाँ यह साधना (Chand Yogini Sadhana) इनके भगिनी या बहिन स्वरुप में की जाने वाली हैं
आपके जीवन की अनेको परिस्थितियां तो इनके वरदायक प्रभाव से स्वयं ही अनुकूल हो जाती हैं एक ऐसा ही प्रयोग आप सभी के लिए , आपके समस्त कार्यों को सफलता दिलाने वाला और साथ ही साथ इनके वरदायक प्रभाव को आपके लिए संभव करने वाला आपके लिए ..
मंत्र :: {{ ” ॐ चंड योगिनी सर्वार्थ सिद्धिं देहि नमः” }}
Chand Yogini Sadhana Niyam :
1. चंड योगिनी साधना मंत्र जप के लिए काली हकीक माला ले
2. किसी भी शुक्र वार से यह साधना प्रारंभ की जा सकती हैं
3. दिशा आपकी उत्तर पूर्व रहेगी
4. चंड योगिनी साधना (Chand Yogini Sadhana) के समय पहने जाए वाले वस्त्र और आसन लाल रंग के होंगे
5. रात्रि मे ११ बजे के बाद इस मंत्र का जप प्रारभ करे
6. ११ माला मन्त्र जप १ हफ्ते ( कुल सात दिन ) किया जाता हैं
१ हफ्ते तक करने से सभी प्रकार के कार्यों मे सफलता के लिए चंड योगिनी भगिनी स्वरुप मे अद्रश्य रहते हुए सहायता देती है
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ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार-  मो. 9438741641 {Call / Whatsapp}
जय माँ कामाख्या

Acharya Pradip Kumar is renowned as one of India's foremost astrologers, combining decades of experience with profound knowledge of traditional Vedic astrology, tantra, mantra, and spiritual sciences. His analytical approach and accurate predictions have earned him a distinguished reputation among clients seeking astrological guidance.

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