छींक से जुड़े शगुन और अपशगुन: जानिए सच

छींक (Chhink ) से जुड़ी ऐसी अनेक मान्यताएं हमारे समाज में प्रचलित हैं चिकित्सा विज्ञान के नजरिए से छींक आना एक सामान्य मानवीय प्रक्रिया है
1- किसी मित्र या रिश्तेदार के यहाँ जाते समय कोई उसके बांई ओर छींकता है तो यह अशुभ संकेत है अगर जरूरी न हो तो ऐसी यात्रा टाल देनी चाहिए
2- यदि कोई व्यक्ति दिन के प्रथम प्रहर सुबह 6 से 9 बजे तक में पूर्व दिशा की ओर छींक की ध्वनि सुनता है तो उसे अनेक कष्ट झेलने पड़ते हैं दूसरे प्रहर सुबह 9 से दोपहर 12 बजे तक में सुनता है तो शारीरिक कष्ट, तीसरे प्रहर दोपहर 12 से 3 बजे तक में सुनता है तो दूसरे के द्वारा स्वादिष्ट भोजन की प्राप्ति और चौथे प्रहर दोपहर 3 से शाम 6 बजे तक में सुनता है तो किसी मित्र से मिलना होता है
3- कोई वस्तु खरीदते समय यदि छीक आ जाए तो खरीदी गई वस्तु से लाभ होता है
4- सोने से पहले और जागने के तुरंत बाद छीक (chhink) की ध्वनि सुनना अशुभ माना जाता है
5- यदि घर से निकलते समय कोई सामने से छीकता है तो कार्य में बाधा आती है अगर एक से अधिक बार छीकता है तो कार्य सरलता से हो जाता है

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जय माँ कामाख्या

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