चोरी से बचने का मंत्र

Chori Se Bachne Ka Mantra :

सुरक्षा के उपाय, दंड के विधान एवं सभी प्रकार की सतर्कता के बावजूद इस घटना का शिकार कोई भी कभी भी हो सकता है। इससे बचने के लिए सावधानी तो आवश्यक है ही लेकिन उसके साथ ही शयन के पूर्व व्यक्ति पांच मंत्रों (chori se bachne ka mantra) का उच्चारण करें।
हमारे ऋषि-मुनियों ने ऐसे अक्षरों के समूह वाले श्लोंकों की रचना की है जिसमें अमोघ शक्ति है। जिसके प्रमाण आस्तिकजन समय-समय पर पाते रहते हैं। मंत्रों की विधि व उच्चारण से सभी प्रकार की कामनाओं की पूर्ति सहज ही हो जाती है। किसी की सामग्री की चोरी होना समाज की बहुत बड़ी समस्या है एवं इस कार्य को करने की प्रवृत्ति अत्यंत निंदित दुष्कर्म है।
॥ मन्त्र ॥
जलेरक्षतु वाराह: स्थले रक्षतुं वामन:।
अत्व्यां नारसिंहश्च सर्वत: पातु: केशव:।।1।।
जलेरक्षतु नन्दीश: स्थले रक्षतु भैरव:।
अत्व्यां वीरभद्रश्च सर्वत: पातु: शंकर:।।2।।
अर्जुन फाल्गुनो जिष्णु: किरीटी श्वेतवाहन:।
बीभत्सुर्विजय कृष्ण: सव्यसाची धनंजय:।।3।।
तिस्त्रो भार्या: कफल्लस्य दाहिनी मोहिनी सती।
तासां स्मरणमात्रेण चोरो गच्छति निष्फल:।।4।।
कफल्लक: कफल्लक: कफल्लक:।
इति पठित्वा शयनं कार्यं तेन चोरो निष्फलो गच्छेत।।5।।
Chori Se Bachne Ka Mantra Vidhi :
उक्त मन्त्र स्वयंसिद्ध है । इसको सिद्ध करने की आवश्यकता नहीं है । रात को सोते समय केवल एक बार उक्त मन्त्र का सस्वर उच्चारण करने से घर में चोर प्रवेश नहीं कर सकते । यदि चोर आएँगे भी, तो बिना कुछ लिए चले जाएंगे ।
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