डाकिनी मूँडने का मंत्र

Dakini Moondne Ka Mantra :

मंत्र : “ओं नमो लोह सिंह घाति नमो लोह देह नाशी बर्छी लगी राम को, बर्छी लगी लक्ष्मण जैसे बीर अब मै मूंडू डाकिनी डाकिनी की माता जो जय हेई डाकिनी जाता । मूंडू तेरा गुरु नाता और तात, मूंड तेरा भाई मात घर बैठी डाकिनी को मूंड पीठ पर बैठ हनुमान खबर लै आबैं लंका की भारी गुष्टी गिर गई डाकिनी के नाक कान लक्ष्मण ने मूंड गडरे ध्यान भैरब चटपट घर में गडरे मूंडू रे हनुमन्त बीर बांके हिय में आबे न धीर, घर बैठे मैं चगरी मूंडू जंगल में काहे को ढूढू । यह मंत्र मूंड मूंड रे हनुमन्त बीर तुम्हारी आन ।”

Dakini Moondne Ka Mantra Vidhi 

शनिबार के दिन नया उस्तरा बनबा कर लाबें । फिर अमाबस्या के दिन उसे उक्त डाकिनी मंत्र (Dakini Moondne Ka Mantra) से 108 बार अभिमंत्रित करके उससे अपने पांब के घुटने के बाल मूंडे तो डाकिनी का सिर मुंड जाता है बह हाहाकार करती हुई सामने आ खडी होती है तथा सदैब दासी बन कर रहती है ।

दूसरों तथा स्वयं की सुख –शान्ति चाहने बालों के लिए ही यह दिया गया है । इसमें दिए गये यंत्र, मंत्र तथा तांत्रिक साधनों को पूर्ण श्रद्धा तथा बिश्वास के साथ प्रयोग करके आप अपार धन –सम्पति, पुत्र –पौत्रादि, स्वास्थ्य –सुख तथा नाना प्रकार के लाभ प्राप्त करके अपने जीबन को सुखी और मंगलमय बना सकते हैं ।

Read More : Bhootini Sadhana Mantra

FB – Connect Now
तंत्राचार्य प्रदीप कुमार – 9438741641 (Call /Whatsapp)

Acharya Pradip Kumar is renowned as one of India's foremost astrologers, combining decades of experience with profound knowledge of traditional Vedic astrology, tantra, mantra, and spiritual sciences. His analytical approach and accurate predictions have earned him a distinguished reputation among clients seeking astrological guidance.

Sharing Is Caring:

Leave a Comment