धनवान बनाने वाला मंत्र

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Dhanavaan Banaane Wala Mantra :

श्री भैरव के अनेक रूप व साधनाओं का वर्णन तन्त्रों में वर्णित है। उनमें से एक श्रीस्वर्णाकर्षण भैरव साधना हैं, जो साधक को दरिद्रता से मुक्ति दिलाते हैं। जैसा इनका नाम है, वैसा ही इनके मंत्र का प्रभाव है। अपने भक्तों की दरिद्रता को नष्ट कर उन्हें धन-धान्य सम्पन्न बनाने के कारण ही इनका नाम ‘स्वर्णाकर्षण भैरव’ प्रसिद्ध है।
इनकी साधना विशेष रूप से रात्रि काल में कि जाती हैं। शान्ति-पुष्टि आदि सभी कर्मों में इनकी (Dhanavaan Banaane Wala Mantra) साधना अत्यन्त सफल सिद्ध होती है। इनके मन्त्र, स्तोत्र, कवच, सहस्रनाम व यन्त्र आदि का व्यापक वर्णन तन्त्रों में मिलता है। यहाँ पर सिर्फ मन्त्र-विधान दिया जा रहा है। ताकि जन -सामान्य लाभान्वित हो सकें।
प्रारंभिक पूजा विधान पूर्ण करने के बाद :-
विनियोग :- ॐअस्य श्रीस्वर्णाकर्षण-भैरव मन्त्रस्य श्रीब्रह्मा ॠषिः, पंक्तिश्छन्दः, हरि-हर ब्रह्मात्मक श्रीस्वर्णाकर्षण-भैरवो देवता, ह्रीं बीजं, ह्रीं शक्तिः, ऊँ कीलकं, श्रीस्वर्णाकर्षण-भैरव प्रसन्नता प्राप्तये, स्वर्ण-राशि प्राप्तये श्रीस्वर्णाकर्षण-भैरव मन्त्र जपे विनियोगः।
ॠष्यादिन्यास :- ऊँ ब्रह्मा-ॠषये नमः – शिरसि।
ॐ पंक्तिश्छन्दसे नमः -मुखे।
ॐ हरि-हर ब्रह्मात्मक स्वर्णाकर्षण भैरव देवतायै नमः – ह्रदये।
ॐ ह्रीं बीजाय नमः – गुह्ये।
ॐ ह्रीं शक्तये नमः – पादयोः।
ॐ ॐ बीजाय नमः – नाभौ।
ॐ विनियोगाय नमः – सर्वाङ्गे।
करन्यास :– ॐ ऐं ह्रीं श्रीं ऐं श्रीं आपदुद्धारणाय – अंगुष्टाभ्यां नमः।
ॐ ह्रां ह्रीं ह्रूं अजामल बद्धाय – तर्जनीभ्यां नमः।
ॐ लोकेश्वराय – मध्यमाभ्यां नमः।
ॐ स्वर्णाकर्षण-भैरवाय नमः – अनामिकाभ्यां नमः।
ॐ मम दारिद्र्य-विद्वेषणाय – कनिष्ठिकाभ्यां नमः।
ॐ महा-भैरवाय नमः श्रीं ह्रीं ऐं – करतल-कर पृष्ठाभ्यां नमः।
ह्रदयादिन्यासः- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं ऐं श्रीं आपदुद्धारणाय – ह्रदयाय नमः।
ॐ ह्रां ह्रीं ह्रूं अजामल-बद्धाय – शिरसे स्वाहा।
ॐ लोकेश्वराय – शिखायै वषट्।
ॐ स्वर्णाकर्षण-भैरवाय – कवचाय हुम्।
ॐ मम दारिद्र्य-विद्वेषणाय – नेत्र-त्रयाय वौषट्।
ॐ महा-भैरवाय नमः श्रीं ह्रीं ऐं – अस्त्राय फट्।
ध्यान-
पारिजात-द्रु-कान्तारे ,स्थिते माणिक्य-मण्डपे।
सिंहासन-गतं ध्यायेद्, भैरवं स्वर्ण – दायिनं।।
गाङ्गेय-पात्रं डमरुं त्रिशूलं ,वरं करैः सन्दधतं त्रिनेत्रम्।
देव्या युतं तप्त-सुवर्ण-वर्णं, स्वर्णाकृतिं भैरवमाश्रयामि।।
ध्यान करने के बाद पञ्चोपचार पूजन कर लें ।
मन्त्र :- “ॐ ऐं ह्रीं श्रीं ऐं श्रीं आपदुद्धारणाय ह्रां ह्रीं ह्रूं अजामल-बद्धाय लोकेश्वराय स्वर्णाकर्षण-भैरवाय मम दारिद्र्य-विद्वेषणाय महा-भैरवाय नमः श्रीं ह्रीं ऐं।”
जप संख्या व हवन – एक लाख जप करने से उपरोक्त मन्त्र (Dhanavaan Banaane Wala Mantra) का पुरश्चरण होता है और खीर से दशांश हवन करने तथा दशांश तर्पण और तर्पण का दशांश मार्जन व मार्जन का दशांश ब्राह्मण भोजन करने से यह अनुष्ठान पूर्ण होता है। पुरश्चरण के बाद तीन या पाँच माला प्रतिदिन करने से एक वर्ष में दरिद्रता का निवारण हो जाता है। साथ ही उचित कर्म भी आवश्यक है। (Dhanavaan Banaane Wala Mantra Sadhana आरभ करने से पूर्व किसी योग्य विद्वान से परामर्श जरूर प्राप्त कर लें)
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ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार : मो. 9438741641  {Call / Whatsapp}
जय माँ कामाख्या

Acharya Pradip Kumar is one of the best-known and renowned astrologers, known for his expertise in astrology and powerful tantra mantra remedies. His holistic approach and spiritual sadhana guide clients on journeys of self-discovery and empowerment, providing personalized support to find clarity and solutions to life's challenges.

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