गणेश उच्चाटन मंत्र प्रयोग

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Ganesh Ucchatana Mantra Prayog :

“ओम ओंकार देबाय नम:
नम: गणेशाय बिघ्नेश्वराय नम:
बुद्धि हरे, मन हरे, मस्तक बीच समाय।
शक्तिबीज मन में भरे बुद्धि काम न आय।
ओम ब्रौं ब्रौं ब्रौं भ्रौं फट् स्वाहा।”

Ganesh Ucchatana Mantra Prayog Bidhan :

किसी भी ब्यक्ति की चुटिया के बाल लेकर हरताल, बच और (…….) के साथ मिलाकर गणेश उच्चाटन मंत्र पढकर अग्नि में होम करने पर उस ब्यक्ति का मानसिक उच्चाटन हो जाता है । यह एक प्रकार का पागलपन होता है, जो तब तक दूर नहीं होता, जब तक कि तंत्र बिधि से इसे दूर नहीं किया जाये ।
 
{{ षटकर्म मे उच्चाटन प्रयोग को मारण प्रयोग के बराबर माना गया है, कोइ आदमी किसी बात मे आकर किसी का कुछ खराब ना कर बसे , इस कारण यन्हा बिधि मे कुछ छुपाया गया है}]
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