काली नील बरणी का मंत्र

Kaali Neel Barani Mantra :

मंत्र :”ओं नमो आदेश गुरू को ।
प्रगटी जोत जढ आदि मस्तकते ।
हलचल भई उदय अस्तते ।
कांपे तीन लोक जल थल सब पर्बत
छूटा ध्यान तबै कैलाश पर ।
चन्द्र सूरज सब ही डर पाबैं ।
ब्रह्मालोक सब होबे हैरान ।
यदि कडकी आन रबि मण्डल ।
गर्भ जान के गर्भ गये सब ।
जब शत्रु पकड तै चलाबै ।
फिर गगन मध्य अज हूँ लौ न आये ।
रक्त बीज रूद्र को पान कीओ ।
सेना समेत तिसै नाश कियो ।
तेरी है जय तेरी ही जय पडी जग भीतर जब ।
नमो नमो अक्षर तैतीस तब ।
नमस्ते नमस्ते करते ध्याबैं ।
मन बांछित सगले फल पाबैं ।
नमो जय नमो जय नील बरनी ऐं नम: ।”

Kaali Neel Barani Mantra Vidhi :

इस मंत्र (Kaali Neel Barani Mantra) का जप बिधि सहित नियम मानकर दोपहर के समय माघ की संक्रान्ति से जल के किनारे शुरू करें । ४० दिन तक १०१ बार जप करें । ध्यान काली नील बरणी का करना चाहिए । नारियल हबन में काली को देना चाहिए । बलि के लिए काला बकरा जंगल में ४०बें दिन छोडें, बकरा चारा खाने बाला हो ।
हबन की सामग्री में दाहिने हाथ की अनामिका अंगुली का खून मिला कर आहूतियां दें। काली को अपने खून का टीका लगायें । ४० दिन के अन्दर काली दर्शन देती है। हर रोग एबं मुसीबत को दूर करती है सभी प्रकार से सिद्धि देने बाला यह नाथ का मंत्र आपकी सेबा में भेंट किया गया है ।

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जय माँ कामाख्या

Acharya Pradip Kumar is renowned as one of India's foremost astrologers, combining decades of experience with profound knowledge of traditional Vedic astrology, tantra, mantra, and spiritual sciences. His analytical approach and accurate predictions have earned him a distinguished reputation among clients seeking astrological guidance.

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