Kaali Panch Baan Mantra :
कालीपंच बाण (Kaali Panch Baan) :काली के मुख्य अस्त्रों में उनके बाण मंत्रों का अलग से प्रयोग करने का बिधान है-
(१) मारण बाण : “क्रीं क्रीं क्रीं हूँ हूँ ह्रीं ह्रीं दक्षिणे काकिके मारण्बाणाय क्रीं क्रीं क्रीं हूँ हूँ ह्रीं ह्रीं स्वाहा।”
(२) मोहन बाण : “क्रीं क्रीं क्रीं हूँ हूँ ह्रीं ह्रीं दक्षिणे काकिके मोहनबाणाय क्रीं क्रीं क्रीं हूँ हूँ ह्रीं ह्रीं स्वाहा।”
(३) उच्चाटनबाण : “क्रीं क्रीं क्रीं हूँ हूँ ह्रीं ह्रीं दक्षिणे काकिके उच्चाटनबाणय क्रीं क्रीं क्रीं हूँ हूँ ह्रीं ह्रीं स्वाहा।”
(४) खोभणबाण : “क्रीं क्रीं क्रीं हूँ हूँ ह्रीं ह्रीं दक्षिणे काकिके खोभणबाणय क्रीं क्रीं क्रीं हूँ हूँ ह्रीं ह्रीं स्वाहा।”
(५) द्राबणबाण : “क्रीं क्रीं क्रीं हूँ हूँ ह्रीं ह्रीं दक्षिणे काकिके द्राबणबाणय क्रीं क्रीं क्रीं हूँ हूँ ह्रीं ह्रीं स्वाहा।”
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जय माँ कामाख्या