Jaane Saas Bohu Ki Kalah Mukti Upay :
हिन्दू धर्म शास्त्रों में पुत्र का बहुत महत्व है । पुत्र को अपने माता पिता अपने पितरों को नरक से बचाने वाला कहा गया है । हर माता पिता की यह हार्दिक इच्छा होती है कि उनके योग्य और वंश का नाम रौशन करने वाला पुत्र हो जिसके साथ वह अपना जीवन बिता सके ।
हर व्यक्ति चाहता है कि उसके घर में सुख शान्ति हो लेकिन कई बार देखा जाता है कि परिवार में लड़के की शादी होने पर जब घर में बहु आती है तो परिवार के लोगो का उसके साथ सामंजस्य नहीं बैठ पाता है घर में कलह होनी शुरू हो जाती है । आज कल शादी के बाद अलग रहने का चलन बहुत ही ज्यादा बढ़ गया है इससे माँ बाप जिन्होंने अपने पुत्र को बढ़े ही लाड़ प्यार से पाला होता है की स्थिति बहुत ही विकट हो जाती है । पहले पुत्र को बुढ़ापे का सहारा कहा जाता था अब पुत्र जब पढ़ लिख कर कुछ करने लायक होता है बहुधा देखा जाता है कि शादी के बाद अपनी पूर्णतया अलग ही दुनिया बसा लेता है, या तो अलग हो जाता है या साथ रह कर भी ऐसी स्तिथि हो जाती है कि अलगाव ही बना रहता है । इसके बहुत से कारण हो सकते है ।
शादी के बाद एक लड़की अपना सब कुछ छोड़ कर एक नए घर, नए वातावरण में आती है वहाँ पर उसे अपना सबसे नजदीकी अपना पति ही लगता है जिसको वह अपना तन, मन, धन सब कुछ सौप देती है लेकिन उस घर में उसके पति के पहले से ही रिश्ते माता पिता, भाई भाभी, बहन बहनोई होते है जिनके साथ वह लम्बे समय से रह रहा होता है । इन रिश्तों से आपसी सामंजस्य बनाना बहु और परिवार के अन्य सदस्यों के लिए कई बार बहुत ही कठिन हो जाता है ।
इसके अतिरिक्त आज कल की संस्कृति, तेजी से बढ़ते टी वी , इन्टरनेट के चलन, बढ़ते भौतिकवाद के कारण भी नव दम्पति अपनी एक अलग ही रूमानी दुनिया का सृजन कर लेते है जिसके कारण भी कई बार टकराव होने लगता है ।
याद रखिये साथ में रहने से परिवार और नव दम्पति दोनों को ही बहुत लाभ होते है । उस घर की आने वाली संताने सुशिक्षित और सुसंस्कृत होती है, परिवार में आर्थिक , सामाजिक और मानसिक सुरक्षा रहती है , बड़ी से बड़ी मुश्किलें भी आसानी से हल हो जाती है ।
परिवार में टकराव , अनबन सबसे ज्यादा सास और बहु के बीच ही होती है , लेकिन इसका सबसे ज्यादा बुरा प्रभाव लड़के पर ही पड़ता है । यहाँ पर हम कुछ कलह मुक्ति उपाय (Kalah Mukti Upay) बता रहे है जिस कलह मुक्ति उपाय (Kalah Mukti Upay) से सास बहु के बीच कलह दूर रह सकती है ।
1. सास व बहू में आपसी संबंध में कटुता होने पर बहू या सास दोनों में कोई भी चांदी का चौकोर टुकड़ा अपने पास रखें, और ईश्वर से अपनी सास / बहु से सम्बन्ध अच्छे रहने की प्रार्थना करे । इस कलह मुक्ति उपाय (Kalah Mukti Upay) से दोनों के बीच में सम्बन्ध प्रगाढ़ होते है ।
2. सास या बहु में जो भी हो कलह मुक्ति उपाय (Kalah Mukti Upay) को करके कोई सम्बन्ध सुधारने को इच्छुक हो वह शुक्ल पक्ष के प्रथम बृहस्पतिवार से माथे पर हल्दी या केसर की बिंदी लगाना शुरू करें ।
3. सास-ससुर का कमरा सदैव दक्षिण-पश्चिम दिशा में ही होना चाहिए और बेटे-बहू का कमरा पश्चिमी या दक्षिण दिशा में । अगर बेटे-बहू का रूम दक्षिण-पश्चिम में होता है, तो उनका सास-ससुर से झगडा बना ही रहेगा, घर में आये दिन कलेश रहेगा । परिवार पर अपना नियंत्रण रखने के लिए इस दिशा में घर के बडों को ही रहना चाहिए ।
4. किचन कभी भी घर के ईशान कोण या मध्य में ना हो, यह आपसी संबंधों के लिए बेहद घातक है । घर की रसोई आग्नेय कोण यानी दक्षिण-पूर्व में होनीं चाहिए , रसोई गलत जगह में होने पर सास-बहू के आपसी क्लेश, मनमुटाव बना ही रहेगा । अगर रसोई में दोष है तो उसके आग्नेय कोण में एक लाल रंग का बल्ब लगा दें , इसके अतिरिक्त अगर रसोई घर आग्नेय दिशा के स्थान पर किसी और दिशा में बनी हो तो उसकी दक्षिण और आग्नेय दिशा की दीवार को लाल रंग से रंगकर उसका दोष दूर किया जा सकता हैं ।
5. जिस घर की स्त्रियां / बहु घर के वायव्य अर्थात उत्तर-पश्चिम कोण में शयन / निवास करती है वह अपना अलग से घर बसाने के सपने देखने लगती है । इसलिए इस दिशा में नई दुल्हन को तो बिलकुल भी नहीं रखे अन्यथा उसका परिवार के साथ अलग होना तय है । वास्तु शास्त्र के नियम अनुसार दक्षिण-पश्चिम कोण में सास को सोना चाहिए , उसके बाद बड़ी बहु को पश्चिम दिशा में और उससे छोटी बहु को पूर्व दिशा में शयन करना चाहिए । इससे घर की स्त्रियों में प्रेम बना रहेगा ।
6 . सास बहु में कलेश होने पर जो चाहता है कि यह कलह मुक्ति उपाय (Kalah Mukti Upay) से आपसी रिश्ते सुधरे और एक अछा सुखद जीबन जिए , उसे गले में चांदी की चेन धारण करनी चाहिए और यह भी ध्यान रहे कि कभी किसी से भी कोई सफेद वस्तु न लें ।
7. मंगलवार को सूजी का हलवा बनाकर उसको मंदिर के बाहर बैठे गरीबों में स्वयं बाँटना चाहिए । यह एक अनुभूत कलह मुक्ति उपाय (Kalah Mukti Upay) में से एक है जो कभी खाली नही गया है आजतक ।
8. अगर घर में सास बहु में सदैव कलह रहती हो तो घर के मुख्य द्वार पर बाहर की ओर श्वेतार्क (सफेद आक के गणेश) लगाये इस कलह मुक्ति उपाय (Kalah Mukti Upay) से घर में सुख-शांति बनी रहेगी।
9. घर में सुख शांति और शांत वातावरण सृष्टि के लिए जरुरी है यह कलह मुक्ति उपाय (Kalah Mukti Upay) ।बहू को चाहिए की सूर्योदय से पहले घर में झाडू लगाकर कचड़े को घर के बाहर फेंके, यह किसी काम वाली बाई से भी करा सकते है ।
10. ग्रहस्थ जीवन में पत्नी को हमेशा पति के बायीं और ही शयन करना चाहिए इससे पति और पत्नी के मध्य प्रेम बना रहता है ।
11. यदि किसी महिला की सास या ससुर उससे नाराज रहता हो तो वह महिला प्रतिदिन जल में गुड़ मिलाकर सूर्यदेव को अध्र्य दे तो उसकी यह समस्या दूर हो जाती है । यह एक बेहद कारगार कलह मुक्ति उपाय (Kalah Mukti Upay) है जो हर बहू को करना चाहिए ।
12. यदि किसी परिवार में सास बहु में झगड़ा होता रहता हो तो बहु पूर्णिमा की रात में खीर बनाकर चंद्रमा की किरणों में रखे और फिर वह खीर अपनी सास को खिला दे । इस कलह मुक्ति उपाय (Kalah Mukti Upay) से सास-बहू में बनने लगेगी। ( यह कलह मुक्ति उपाय अगर बहु ना करे तो सास भी कर सकती है । )
13. कहते है जो सास अपनी बहु को अपनी बेटी मानती है , उसे अपनी बेटी की तरह ही लाड़ प्यार करती है उसकी स्वयं की बेटी का भी दाम्पत्य जीवन सदैव सुखमय रहता है । उससे देवता भी प्रसन्न रहते है , उसका और उस घर के बुजुर्गो का स्वास्थ्य ठीक बना रहता है । वह जीवन के अंतिम समय तक भी बिस्तर पर रोगी बनकर नहीं रहते है अर्थात उनका शरीर उनका साथ देता है ।
14. इसी तरह जो बहु अपने सास ससुर की अपने माता पिता के तरह सेवा करती है उसके स्वयं के माता पिता को कोई भी कष्ट नहीं उठाना पड़ता है । उनका बुढ़ापा बहुत आसानी से हँस खेल कर कट जाता है ।
15. जो बहु अपने सास ससुर और ससुराल वालो के साथ मिल कर रहती है उनका ध्यान रखती है उनका दिल नहीं दुखाती है, अर्थात घर में प्रेम और हर्ष के बीज को लगाकर उसकी देखभाल करती है उसे पौधे और वृक्ष का रूप देती है उसके पति – बच्चो पर कोई भी आकस्मिक विपदा नहीं आती है, उस परिवार में धन की कोई भी कमी नहीं होती है और उस स्त्री और उसके पति से रोग दूर दूर ही रहते है । उस परिवार के बच्चे भी उस प्रेम और सदभाव के वृक्ष की छावं में बड़े होकर अपने माता पिता के आज्ञाकारी होते है, उनकी सेवा करते है, अंत तक उनके साथ रहते है और उन्हें कोई भी कष्ट नहीं होने देते है ।
16. शास्त्रों के अनुसार जब सुहागिन स्त्री का निधन होता है तो उसकी सास और उसकी सास की सास ( वहाँ पर बहु के मायके से कोई भी नहीं होता है ) उसे वैतरणी नदी ( शास्त्रों के अनुसार वैतरणी नदी में बहुत भयानक जीव जंतु होते है जो मृतात्मा के शरीर को नोच नोच कर खाते है ) से पार कराने के लिए आती है और उस समय उस बहु के सारे कर्म वहीँ पर खुल कर सामने आते है । अगर बहु का व्यवहार अच्छा है तो वह अपनी सास और उनकी सास के साथ आसानी से वैतरणी को पार कर लेती है अन्यथा उसे घोर कष्ट मिलते है ।
17. अत: यह स्पष्ट है कि सास और बहु दोनों को ही आपस में मिलकर रहना चाहिए , एक दूसरे की कमियों को नहीं देखना चाहिए , गलतियाँ नहीं निकालनी चाहिए, अगर कोई परेशानी हो भी तो आपसे में मिलकर या यहाँ पर बताये हुए कलह मुक्ति उपायों (Kalah Mukti Upay) को चुपचाप करते हुए सम्बन्ध अच्छे बना कर रखना चाहिए ।
18. यदि सास और बहु में पटती नहीं है तो बहु सास को 12 लाल और 12 हरी काँच की चूड़ियाँ प्रसन्न मन से भेंट करें , इस कलह मुक्ति उपाय (Kalah Mukti Upay) से सास का मन बदल जायेगा और सास अपनी बहु की सहेली बन जाएगी।
19. अगर बहु को सास की तरफ से समस्या है तो बहु सास से मधुर सम्बन्ध बनाने के लिए यह कलह मुक्ति उपाय (Kalah Mukti Upay) जरुर आजमायें ।एक भोज पत्र पर लाल चन्दन की स्याही से सास का नाम लिखकर उसे शहद में डिबो कर उसे रविवार को छोड़कर किसी भी दिन सूर्यास्त से पहले पीपल के पेड़ के नीचे गाड़ दें और पीपल देवता से अपनी सास से सम्बन्ध अच्छे हो जाने के लिए प्रार्थना करें । इस कलह मुक्ति उपाय (Kalah Mukti Upay) से आपकी सास आपकी तरफ प्रेम भाव रखने लगेगी ।
20. यदि किसी घर में सास बहु के बीच में झगड़ा बना रहता है तो बहु को माँ दुर्गा अथवा माँ गौरी को सुनहरी जरी वाली लाल साड़ी चढ़ा कर उसे अपनी सास को भेंट करना चाहिए , इस कलह मुक्ति उपाय (Kalah Mukti Upay) से दोनों के बीच सम्बन्ध मधुर होंगे । यह कलह मुक्ति उपाय (Kalah Mukti Upay) सास भी अपनी बहु से कर सकती है ।
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जय माँ कामाख्या